तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमले का फर्जी वीडियो मामले में बिहार पुलिस ने दर्ज की एक और FIR

ईओयू के अधिकारियों ने पहली FIR की जांच के सिलसिले में जमुई से एक अमन कुमार को भी गिरफ्तार किया था. पहली FIR में जिन लोगों के नाम हैं उनमें अमन कुमार, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप शामिल हैं.

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  • मनीष कश्‍यप के खिलाफ हैं यह दूसरी एफआईआर
  • अफसरों के सामने पेश नहीं हुए मनीष और युवराज सिंह
  • इनके खिलाफ अरेस्‍ट वारंट जारी करने की है तैयारी
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पटना:

तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में जमुई जिले के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के चार दिन बाद राज्य पुलिस ने शुक्रवार को मामले की जांच के तहत चार लोगों के खिलाफ एक और FIR दर्ज की है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने ‘यूट्यूबर' मनीष कश्यप, युवराज सिंह और दो अन्य के खिलाफ तमिलनाडु में प्रवासियों के मारे जाने और पिटाई के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में नई FIR दर्ज की है. कश्यप के खिलाफ यह दूसरी FIR है क्योंकि वह पहली FIR में भी नामजद आरोपी थे.

अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जांचकर्ताओं के बार-बार प्रयास करने के बावजूद मनीष कश्यप और युवराज सिंह ईओयू अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए. वे फरार हैं. अब ईओयू ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.” इससे पहले भी ईओयू ने छह मार्च को मामले में पहली FIR दर्ज की थी और चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ईओयू के अधिकारियों ने पहली प्राथमिकी की जांच के सिलसिले में जमुई से एक अमन कुमार को भी गिरफ्तार किया था. पहली FIR में जिन लोगों के नाम हैं उनमें अमन कुमार, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप शामिल हैं.

सोशल मीडिया पर ऐसे 30 वीडियो शेयर किए गए : पुलिस
गंगवार ने आगे कहा, ‘‘ईओयू द्वारा की गई जांच से पता चला है कि आरोपी तमिलनाडु में प्रवासियों के मारे जाने और पीटे जाने के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाने में शामिल थे. सोशल मीडिया पर ऐसे 30 वीडियो शेयर किए गए, जो बिहार के प्रवासी श्रमिकों को दहशत में तमिलनाडु छोड़कर भाग जाने के लिए मजबूर कर रहे थे.”उन्होंने कहा कि आगे की जांच के लिए ऐसे 42 वीडियो को संरक्षित करने के लिए सोशल मीडिया सेवा प्रदाताओं को पहले ही नोटिस भेजे जा चुके हैं. गंगवार ने कहा, “ईओयू की 10 सदस्यीय टीम इन वीडियो का विश्लेषण कर रही है और अफवाह फैलाने के लिए ऐसे वीडियो पोस्ट करने और साझा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. मामले की जांच के लिए तमिलनाडु पुलिस ने 13 मामले भी दर्ज किए हैं.”

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तमिलनाडु प्रशासन ने खोली हेल्‍प डेस्‍क 
उन्‍होंने कहा कि तमिलनाडु प्रशासन ने इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्प डेस्क भी खोली हैं. उन्होंने कहा कि वह लोग भी इन हेल्प डेस्क पर संपर्क कर सकते हैं जिन्हें सहायता की आवश्यकता है. बिहार सरकार ने पिछले हफ्ते शीर्ष अधिकारियों की चार सदस्यीय टीम को तमिलनाडु में मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के साथ समन्वय के लिए भेजा था.

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