दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से बिहार के व्यक्ति को मिली नई जिंदगी

अधिकारियों के मुताबिक मरीज की चिकित्सा जांच की गयी थी और मार्च में पता लगा कि गंभीर ‘कोरोनरी’ धमनी रोग के कारण उसका हृदय काम नहीं कर रहा है. बाद में मरीज को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की प्राप्तकर्ता सूची में शामिल किया गया.

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नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हृदय प्रत्यारोपण कराने के बाद बिहार में समस्तीपुर के 44 वर्षीय एक व्यक्ति को नया जीवन मिला है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल में पहली बार किसी व्यक्ति का हृदय प्रत्यारोपण किया गया है.

अधिकारियों के मुताबिक मरीज की चिकित्सा जांच की गयी थी और मार्च में पता लगा कि गंभीर ‘कोरोनरी' धमनी रोग के कारण उसका हृदय काम नहीं कर रहा है. बाद में मरीज को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की प्राप्तकर्ता सूची में शामिल किया गया. एनओटीटीओ ने बुधवार को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल से वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (वीएमएमसी) एवं सफदरजंग अस्पताल को एक दानकर्त्ता का हृदय आवंटित किया.

सफदरजंग अस्पताल में हृदय रोग विभाग के प्रमुख डॉ. अनुभव गुप्ता ने कहा, ‘‘सबसे पहले चिकित्सकों की टीम हृदय लेने के लिए निजी अस्पताल में गई. इसे सफदरजंग अस्पताल लाए जाने के बाद प्रत्यारोपण की प्रक्रिया रात करीब आठ बजे शुरू हुई और बृहस्पतिवार सुबह तक चली.''

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी एल शेरवाल ने कहा, ‘‘ सफदरजंग अस्पताल द्वारा किया गया यह पहला हृदय प्रत्यारोपण है.'' उन्होंने कहा कि मरीज गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में है और उसकी तबीयत में सुधार हो रहा है.

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