बिहार में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बीच आपसी तकरार दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है. अग्निपथ योजना को लेकर हुई हिंसा से शुरू इस तकरार ने अब निजी टिप्पणी का रूप ले लिया है. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल और जनता दल यूनाइटेड के उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर आमने-सामने दिख रहे हैं. शुक्रवार को संजय जायसवाल ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा. उन्होंने इस पोस्ट में राज्य में केंद्रीय विद्यालय को मिलने वाली जमीन का जिक्र किया. जायसवाल ने लिखा कि बिहार के विभिन्न जिलों में केंद्रीय विद्यालय को जमीन मिल जाए इसके लिए नेता जी ने आंदोलन किया. शिक्षा मे सुधार हो, इसके लिए अपने सारे लोगों से हर जिले में धरना एवं प्रदर्शन कराया और अंततः नेताजी स्वयं सफल हो गए. हालांकि जासवाल ने इस पोस्ट में कहीं भी उपेंद्र कुशवाहा का जिक्र नहीं किया.
बिहार बीजेपी अध्यक्ष के इस फेसबुक पोस्ट के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार करते हुए एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि रही बात मेरे सफल होने की, तो आपकी तरह मुझको राजनीति में अनुकंपा में कुछ नहीं मिला है. अगर ज्ञान न हो, तो मेरे राजनीतिक सफर के पन्नों को ही पलट कर देखवा लीजिए श्रीमान जी. मेरी जिस सफलता की बात आप कर रहें हैं न, उससे बड़ी-बड़ी कुर्सियों को त्यागकर यहां तक पहुंचे हैं, महोदय.
रही बात मेरे सफल होने की, तो आपकी तरह मुझको राजनीति में अनुकंपा में कुछ नहीं मिला है। अगर ज्ञान न हो, तो मेरे राजनीतिक सफर के पन्नों को ही पलट कर देखवा लीजिए श्रीमान जी। मेरी जिस सफलता की बात आप कर रहें हैं न, उससे बड़ी-बड़ी कुर्सियों को त्यागकर यहां तक पहुंचे हैं, महोदय। 2/2 pic.twitter.com/uDQpLFIzza
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushJDU) June 24, 2022
बता दें कि बीते कुछ दिनों में ये कोई पहला मौका नहीं है जब दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर टिप्पणी की हो. इससे पहले गुरुवार को बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस योजना के फायदे गिनाते हुए एक बार फिर जेडीयू पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जेडीयू के साथी अग्निपथ योजना में सुधार की बात कर रहे हैं लेकिन मुझे राज्य में शिक्षा की मौजूदा स्थिति देखर हंसी आती है. यहां तो 2019 में जिस छात्र ने बीए का फॉर्म भर था वो 2022 में दूसरे वर्ष की ही परीक्षा दे रहा है जबकि अग्निपथ योजना 22 साल के लड़के को आर्मी का ट्रेनिंग, दसवां पास लड़का है तो उसको बारहवां पास करेंगे, अगर बारहवां पास है तो उसे ग्रेजुएशन में तीनों साल का परीक्षा नहीं देनी है. उसको अग्निपथ योजना के तहत जैसे ही चार साल खत्म होगा उसे केवल दो विषय की परीक्षा देनी है, और दो विषय की उसको ट्रेनिंग मिल जाएगी अग्निवीर के नाम पर. मतलब वो कंप्यूटर सीखेगा, ड्रोन चलाना सीखेगा, नेवी में जाएगा तो पानी का जहाज चलाना सीखेगा. 22 साल में इनता कुछ सीखकर जब वो बाहर आएगा तो उनमे से सबसे बेस्ट 25 फीसदी युवाओं को सेना में वापस लिया जाएगा और बाकि बचे युवाओं को अलग-अलग जगह आरक्षण देकेर नौकरी देने का काम किया जाएगा.
वहीं, बिहार में शिक्षा की स्थिति पर संजय जायसवाल के सवालों का जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि राज्य में जो स्थिति है उसके पीछे सरकार नहीं बल्कि संबंधित विश्वविद्यालयों के वीसी जिम्मेदार हैं. विश्वविद्यालय में समय पर परीक्षा कराना सरकार का नहीं बल्कि वीसी का काम होता है.