मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार नीरा (ताड़ का रस) के उत्पादन में लगे लोगों को एक-एक लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. सामाजिक सुधार अभियान के तहत समस्तीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा, ‘‘ताड़ के पेड़ से ताड़ी नहीं निकालें बल्कि नीरा का उत्पादन करें जो सेहत के लिए लाभदायक है. जो भी नीरा उत्पादन का काम करेगा उसको सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत एक लाख रुपए तक की मदद करेंगे और इस योजना के तहत व्यवसाय शुरु करने के लिए सात माह तक एक-एक हजार रुपया भी दिया जाएगा.''
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नीतीश कुमार नीत सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया. मुख्यमंत्री ने कहा, "हमलोगों को शराबबंदी के पक्ष में, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाना चाहिए ताकि लोगों में जागृति आए."
बाद में समस्तीपुर समाहरणालय सभाकक्ष में दरभंगा प्रमण्डल के समस्तीपुर, दरभंगा एवं मधुबनी जिले की संयुक्त समीक्षात्मक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नीरा स्वास्थ्यवर्द्धक एवं उपयोगी पेय है. उन्होंने कहा, ‘‘हमलोगों ने नीरा उत्पादन का कार्य अच्छे ढ़ंग से शुरु कराया था. नालंदा जिले में भी नीरा उत्पादन को लेकर बेहतर कार्य किया गया था.''
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उन्होंने कहा कि ताड़ के पेड़ से नीरा का उत्पादन होने पर ताड़ी के व्यवसाय भी रोका जा सकेगा. नीरा के व्यवसाय से लोगों की आमदनी में वृद्धि होगी. बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए लगातार अभियान चलाते रहने की जरुरत है. इसके लिए सभी को सजग रहना होगा. बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के दुष्परिणामों से लोगों को अवगत करायें, उन्हें बतायें कि यह बुरी चीज है, गैरकानूनी है.
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