नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद कोसी बांध से चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के मद्देनजर बिहार सरकार ने सोमवार को अलर्ट जारी किया है. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के अनुसार, रविवार रात सुपौल जिले के बीरपुर में 4.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो लगभग तीन दशकों में एक दिन में छोड़े गए पानी की सर्वाधिक मात्रा है.
मंत्री ने कहा, "आखिरी बार 1989 में इससे अधिक पानी छोड़ा गया था, जब 4.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जैसा कि कोसी क्षेत्र में हमेशा से होता रहा है, यह नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के कारण हुआ है."
उन्होंने कहा कि सुपौल जिले में पानी तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है, जहां बीरगंज में लगभग दो बजे तड़के पानी छोड़ा गया. संजय ने कहा कि कल तक निकटवर्ती सहरसा और खगड़िया में भूमि के जलमग्न होने की आशंका है.
उन्होंने कहा कि निचले इलाकों और तटबंधों के करीब रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. मंत्री ने 2008 की बाढ़ की पुनरावृत्ति की आशंकाओं को खारिज किया, जब नदी के मार्ग में बदलाव के कारण कोसी क्षेत्र में बाढ़ आई थी, जिसमें लगभग 500 लोगों की जान चली गई थी और करीब 30 लाख लोग प्रभावित हुए थे.
मंत्री ने लोगों की आशंका दूर करते हुए कहा, "बांध से पानी छोड़े जाने की दर वर्ष 2008 की तुलना में कहीं अधिक है, लेकिन स्थिति उस समय जैसी नहीं है और तैयारी का स्तर भी अधिक है."
उन्होंने कहा, "शुक्र है कि नेपाल में बारिश कम हो गई है, जिसका मतलब है कि पानी छोड़े जाने की मात्रा में कमी आएगी और स्थिति चिंताजनक स्तर तक नहीं बिगड़ेगी. तटबंध, अब तक सुरक्षित हैं फिर भी हम अपनी तरफ से सभी प्रयास कर रहे हैं."
सहरसा के जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि जिले में लगभग 300 गांव प्रभावित होंगे. कल तक पानी का स्तर कम होने की संभावना है, हालांकि यह अब भी 3.7 लाख क्यूसेक के आसपास रह सकता है. हम इसके अनुसार तैयारी कर रहे हैं."