बिहार के पूर्व सीएम और जननायक कर्पूरी ठाकूर की 100वीं जयंती पर केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने की घोषणा के बाद उनके परिवार सहित पूरे जिले में हर्ष का माहौल है. परिवार के लोग एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं. केंद्र सरकार के द्वारा भारत रत्न देने की घोषणा को लेकर जननायक के पुत्र और राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 36 वर्षों से वह इसकी मांग कर रहे थे. आज वह मांग पूरी हुई है. इसको लेकर उन्होंने केंद्र सरकार को धन्यवाद भी दिया.
छात्र जीवन से थे राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय थे कर्पूरी ठाकुर
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले में हुआ था. वह एक नाई परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनके पिता गोकुल ठाकुर एक किसान थे. कर्पूरी ठाकुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की थी. इसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी. कर्पूरी ठाकुर छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय थे.
गरीबों के मसीहा था जननायक कर्पूरी ठाकुर
जननायक कर्पूरी ठाकुर को गरीबों के मसीहा के रूप में भी जाना जाता है. वह खुद भी एक बेहद गरीब परिवार से आते थे. कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार उप मुख्यमंत्री रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि सत्ता मिलने के बाद भी उन्होंने कभी भी इसका दुरुपयोग नहीं किया. आज भी पूरे बिहार में उनकी ईमानदारी के किस्से सुनने को मिलते हैं.