बिहार में जातीय जनगणना पर सर्वदलीय सहमति बन गई है. हालांकि, इस पर सियासत अब भी जारी है. राजद के शीर्ष नेता अब भी इस मुद्दे पर बीजेपी पर लगातार निशाना साध रहे हैं. राजद नेता तेजस्वी यादव का दावा है कि उनकी पार्टी के लगातार आंदोलनों की वजह से बीजेपी इस मुद्दे पर बाध्य हुई. उन्होंने इस संबंध में एक के बाद एक कई ट्वीट किए.
उन्होंने ट्वीट किया, '' बिहार में जातीय आधारित गणना करवाने का ऐतिहासिक निर्णय ले लिया गया है. जन दबाव और इसके पक्ष में रहे वैचारिक दलों के लंबे संघर्ष के बाद कल बैठक में आम सहमति से तय किया है कि अतिशीघ्र ही निश्चित समय सीमा के अंदर सभी धर्मों की जातियों के आधार पर गणना कराने की मंज़ूरी दे दी जाएगी. ''
तेजस्वी का मानना है कि लगातार आंदोलनों की वजह से बीजेपी को इस मुद्दे पर साथ खड़े होने के लिए बाध्य होना पड़ा. उन्होंने ट्वीट किया, ''हमने इन्हें अल्टीमेटम देकर आंदोलन करने की घोषणा की. आखिरकार BJP बाध्य हुई और बिहार में उसे हमारे विचार के साथ खड़े होकर समर्थन करना पड़ा. लेकिन BJP दूसरे राज्यों और देश में जातीय आधारित गणना के विरुद्ध है. है ना अदभुत! झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए.
तेजस्वी ने एक और ट्वीट में कहा, ''2011 के सामाजिक,आर्थिक व जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट BJP सरकार ने सार्वजनिक नहीं की. उसके बाद से धरना-प्रदर्शन इत्यादि के जरिए हमारा संघर्ष अनवरत जारी रहा. विधानसभा से दो बार प्रस्ताव पारित कराया गया. प्रतिनिधिमंडल PM से मिला. हमने सभी दलों को पत्र लिखा. फिर भी BJP ने इंकार किया.
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