बिहार विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सदस्य खासकर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक पेट्रोल-डीजल के बढ़ रहे दामों पर और किसान आंदोलन के पक्ष में सदन के बाहर ख़ास अंदाज़ में विरोध करते नज़र आए. राष्ट्रीय जनता दल के दो विधायक साइकिल से सदन पहुंचे जबकि कांग्रेस के कई विधायक पेट्रोल- डीज़ल के लिस्ट दिखा रहे थे.
विपक्षी दल सीपीआई, सीपीआईएम और माले के विधायक भी कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए. ये लोग एमएसपी की गारंटी लागू करने की मांग और तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे थे. उधर, AIMIM के पांचों विधायक एक जैसे ड्रेस पहने हुए थे और अपने हाथों में सीमांचल से जुड़ी मांगों की तख्ती लिए हुए थे. AIMIM विधायकों ने विस्थापितों के पुनर्वास की भी मांग की.
कोरोना वायरस जांच में हुए कथित फर्जीवाड़े, किसानों की हालत, प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति और ईंधन की बढ़ती कीमतों के अलावा अन्य मुद्दों को लेकर बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विपक्ष की सरकार को घेरने की तैयारी के मद्देनजर इस सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. 24 मार्च को समाप्त होने वाले इस सत्र के दौरान विपक्ष की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से कहा कि इस सत्र के दौरान विपक्ष कई मुद्दों को मजबूती के साथ उठाएगा. तेजस्वी यादव पांच दलों के महागठबंधन की अगुवाई कर रहे हैं.
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि आज राज्यपाल का अभिभाषण होगा. इसके बाद सोमवार को बजट पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके बाद उनकी पार्टी सदन में सरकार से बेरोजगारी और राज्य में अपराध खासकर महिलाओं के साथ बढ़ते गैंहरेप की घटना पर जवाब मांगेगी और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित कराने की मांग करेगी. भाई वीरेंद्र ने कहा कि अगर सरकार ऐसा करने में विफल रही तो हम सदन नहीं चलने देंगे.
बता दें कि बिहार विधानमंडल का बजट सत्र एक महीने चलेगा. इस दौरान राज्य के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सोमवार (22 फरवरी) को अपना पहला बजट पेश करेंगे. प्रसाद ने सुशील कुमार मोदी की जगह ली है और पूर्व उपमुख्यमंत्री की तरह वह वित्त मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे हैं. राज्यपाल फागू चौहान द्वारा बिहार विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के तुरंत बाद प्रसाद राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे.