'मेरे पति को पानी तक नहीं दिया....मेरा दुपट्टा भी खींच लिया'- महिला ने सुनाई दर्दनाक आपबीती

भागलपुर की एक महिला ने एक वीडियो जारी कर दिल दुखा देने वाली अपनी कहानी बताई है. यह महिला कई दिनों तक एक के बाद एक अस्पताल में अपने कोविड संक्रमित पति के इलाज के लिए दौड़ लगाती रही, लेकिन पति को बचा नहीं सकी. वहीं, उसे यौन शोषण का भी शिकार होना पड़ा.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
भागलपुर की महिला ने वीडियो साझा कर सुनाई अपनी दिल दुखा देने वाली आपबीती.
पटना:

कोरोनावायरस की दूसरी लहर में सामने आईं स्वास्थ्य इंफ्रा के चलते देशभर से रोज हिलाकर रख देने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं. बिहार से पिछले दो-तीन में हैरान-परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं. अब यहां भागलपुर की एक महिला ने एक वीडियो जारी कर दिल दुखा देने वाली अपनी कहानी बताई है.

यह महिला कई दिनों तक एक के बाद एक अस्पताल में अपने कोविड संक्रमित पति के इलाज के लिए दौड़ लगाती रही, लेकिन पति को बचा नहीं सकी. वहीं, उसे यौन शोषण का भी शिकार होना पड़ा. महिला ने भागलपुर के ग्लोकल अस्पताल में एक स्टाफ पर यौन शोषण का आरोप लगाया है, वहीं मायागंज और पटना के दो अस्पतालों के डॉक्टरों पर पति के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

महिला ने 12 मिनट का वीडियो साझा कर अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी है और बताया कि इन तीनों अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ ने उसके पति को अटेंड करने से मना कर दिया, यहां तक कि उसकी बार-बार अपील पर उन्होंने मरीज के बेड की गंदी चादरें तक नहीं बदलीं. महिला ने भागलपुर के अस्पताल पर रेमडेसिविर दवा की आधी शीशी भर के दवाई को बरबाद करने का भी आरोप लगाया है.

Advertisement

आंध्र प्रदेश: ऑक्सीजन न मिलने से अस्पताल में 11 कोरोना मरीजों की मौत, कैमरे में कैद हुई डराने वाली घटना

Advertisement

'कोई पानी तक नहीं देता था'

महिला ने वीडियो में बताया, 'मैं और मेरे पति नोएडा में रहते हैं. हम होली के लिए बिहार आए थे. 9 अप्रैल को वो बीमार पड़े, तेज बुखार था. हमने दो बार कोरोना टेस्ट कराया, लेकिन निगेटिव आया. जब हम आरटीपीसीआर टेस्ट के नतीजों का इंतजार कर रहे थे, तो नोएडा के एक डॉक्टर ने कहा कि हम चेस्ट सीटी करा लें.' स्कैन में पता चला कि महिला के पति के फेफड़ों में 60 फीसदी संक्रमण फैल गया था. उसके अगले दिन ही भागलपुर में ग्लोकल अस्पताल में महिला के पति और मां को भर्ती कराया गया. 

Advertisement

महिला ने बताया, 'हमने उन्हें अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया, मेरी मां भी बीमार थीं. लेकिन वहां इतनी लापरवाही हो रही थी. डॉक्टर आते थे, मिनटों में चले जाते थे. अटेंडेंस होते ही नहीं थे और दवाइयां देने से भी मना कर देते थे. मेरी मां की हालत ठीक थी, लेकिन कुछ वक्त बाद मेरे पति बोल भी नहीं पाते थे. वो पानी के लिए इशारा करते थे, लेकिन कोई पानी तक नहीं देता था.'

Advertisement

बिहार : अस्पतालों में शोपीस बनीं वेंटिलेटर मशीनें, कोरोना मरीजों का मजाक उड़ा रहीं मेडिकल सुविधाएं

यौन शोषण का भी शिकार होना पड़ा

महिला ने बताया कि 'ग्लोकल अस्पताल में एक अटेंडेंट था- ज्योति कुमार, उससे मैंने मदद मांगी कि वो मेरे पति के बेड पर साफ बेडशीट बिछा दे. उसने कहा कि वो मेरी मदद करेगा लेकिन जब मैं अपने पति से बात कर रही थी तो उसने पीछे से मेरा दुपट्टा खींच लिया. मैं पीछे मुड़ी तो वो मेरी कमर पर हाथ रखकर मुस्कुरा रहा था. मैंने अपना दुपट्टा खींच लिया, लेकिन कुछ बोल नहीं पाई क्योंकि मुझे डर लग रहा था कि मेरे पति, मेरी मां यहां हैं, मैं कुछ बोलूंगी तो वो लोग इन्हें कुछ कर देंगे.'

इन आरोपों की जांच के लिए स्थानीय अधिकारियों की विजिट के बाद अस्पताल ने उस कर्मचारी को निलंबित कर दिया है.

दूसरे अस्पतालों में भी ऑक्सीजन को लेकर असंवेदनशीलता

अपने आंसूओं और गुस्से से जूझ रही महिला ने फिर बताया कि उसे मायागंज और पटना के अस्पतालों में भी बुरे अनुभवों से गुजरना पड़ा. उसके पति को यहां रेफर किया गया था. मायागंज में भागलपुर सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने रात में उसके पति को अटेंड करने से मना कर दिया, वहीं ऑक्सीजन देने तक से मना कर दिया. वहीं, महिला ने आरोप लगाया कि पटना के राजेश्वर अस्पताल में उसके पति का ऑक्सीजन लेवल चिंताजनक स्तर पर गिर गया, फिर भी लापरवाही होती रही. जब लेवल थोड़ा स्थिर हुआ तो उन्होंने सप्लाई काट दी और फिर महिला को मजबूरी में ब्लैक मार्केट से ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदनी पड़ी. हालांकि, फिर भी कोविड संक्रमति पति की मौत हो गई.

Featured Video Of The Day
UP News: बेहतरीन English Speaking Skills पर फिर भी कोई Job नहीं, Homeless की तरह रहने पर मजबूर का दर्द
Topics mentioned in this article