बिहार में कांग्रेस ने 3 वरिष्ठ सिपहसालारों को मैदान में उतारा, महागठबंधन में फ्रेंडली फाइट खत्म करने में जुटी पार्टी

बिहार में कांग्रेस ने सीट शेयरिंग मामले को सुलझाने के लिए अशोक गहलोत, अजय माकन और के सी वेणुगोपाल को मैदान में उतारा है. कांग्रेस के तीनों नेता पटना पहुंचे हैं. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और बेहद अनुभवी नेता अशोक गहलोत कांग्रेस के पर्यवेक्षक भी हैं. वहीं वेणुगोपाल को राहुल गांथी का राइट हैंड माना जाता है.

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कांग्रेस ने सीट शेयरिंग मामले को सुलझाने के लिए अशोक गहलोत, अजय माकन और के सी वेणुगोपाल को मैदान में उतारा
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  • कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के विवाद को सुलझाने के लिए वरिष्ठ नेताओं को विशेष जिम्मेदारी दी है
  • अशोक गहलोत, अजय माकन और के सी वेणुगोपाल को गठबंधन दलों के बीच मतभेद दूर करने का काम सौंपा गया है
  • ये नेता पटना में स्थानीय कांग्रेस नेताओं की नाराजगी दूर करने और एकजुटता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं
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नई दिल्‍ली:

बिहार विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर दोस्ताना लड़ाई लगभग तय होने के बीच कांग्रेस अब इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मिशन मोड में जुट गई है. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतार दिया है, ताकि वोटिंग के पहले गठबंधन दलों के बीच सब कुछ ठीक किया जा सके और फ्रेंडली फाइट की जगह एकजुट होकर महागठबंधन का सीधा मुकाबला एनडीए से होने की तस्वीर पेश की जा सके. कांग्रेस के तीनों नेता तेजस्वी यादव से भी मुलाकात करेंगे. जिन दर्जन भर सीटों पर फ्रेंडली फाइट मुकाबला हो रहा है उसे सुलझाना इनकी प्राथमिकता है.

कांग्रेस इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बेहद गंभीर

कांग्रेस ने सीट शेयरिंग मामले को सुलझाने के लिए अशोक गहलोत, अजय माकन और के सी वेणुगोपाल को मैदान में उतारा है. कांग्रेस के तीनों नेता पटना पहुंचे हैं. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और बेहद अनुभवी नेता अशोक गहलोत कांग्रेस के पर्यवेक्षक भी हैं. वहीं वेणुगोपाल को राहुल गांथी का राइट हैंड माना जाता है. अजय माकन स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन रहे हैं. इन तीनों नेताओं की जिम्मेदारी देने से यह अंदाजा लगता है कि कांग्रेस इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बेहद गंभीर हैं. ये नेता उन सीटों पर बात करेंगे, जहां सीपीआई एमएल, राजद और मुकेश सहनी की वीआईपी के मुकाबले कांग्रेस खड़ी है. 

फ्रेंडली मैच वाली सीटों की लिस्‍ट

  1. वैशाली संजीव सिंह (कांग्रेस) Vs अजय कुमार कुशवाहा (राजद)
  2. बिहार शरीफ ओमार खान (कांग्रेस ) VS शिव कुमार यादव (CPI)
  3. बछवारा शिव प्रकाश गरीब दास (कांग्रेस) Vs अवधेश कुमार राय (CPI)
  4. राजापाकर प्रतिमा कुमारी (कांग्रेस ) Vs मोहित पासवान (CPI)
  5. बेलदौर मिथिलेश कुमार निषाद (कांग्रेस) Vs तनीषा भारती (IIP)
  6. 6. चैनपुर गोविन्द बिन्द (VIP ) Vs बृज किशोर बिन्द (राजद)
  7. कहलगांव प्रवीण सिंह कुशवाहा (कांग्रेस) Vs रजनीश भारती (राजद)
  8. सुल्तानगंज ललन कुमार (कांग्रेस ) Vs चंदन कुमार (राजद)
  9. सिकंदरा विनोद कुमार चौधरी (कांग्रेस ) Vs उदय नारायण (राजद)
  10. नरकटियागंज शाश्वत केदार (कांग्रेस) Vs दीपक यादव (राजद)
  11. करगहर संतोष कुमार मिश्रा (कांग्रेस) Vs महेंद्र प्रसाद गुप्ता (CPI)

चुनाव में एकजुटता दिखाकर पूरी ताकत झोंकने की कवायद

ये नेता कांग्रेस के भीतर भी असंतोष दूर करने और चुनाव में एकजुटता दिखाकर पूरी ताकत झोंकने की कवायद भी करेंगे. बिहार में टिकटों के बंटवारे को लेकर स्थानीय कांग्रेस नेताओं के बीच नाराजगी को दूर करने की जिम्मेदारी भी इन नेताओं को सौंपेगी. स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से मान मनौव्वल कर कांग्रेस के अंदर बेहतर सामंजस्य बनाने की भी कोशिश की जाएगी.

नाराजगी की वजह से कांग्रेस के पटना दफ्तर सदाकत आश्रम में प्रदर्शन भी हुए,असंतुष्ट नेताओं ने अलग प्रेस कांफ्रेंस भी किया. ये भी कहा गया कि कांग्रेस दो घड़ों में बंट गई है. राहुल गांधी के पास ये सब जानकारी है, यही वजह है कि अशोक गहलोत और अन्य नेताओं को यहां भेजा गया है, ताकि जब छठ के बाद राहुल गांधी चुनाव प्रचार में उतरें, तो सब ठीक हो जाए. राहुल चाहते हैं कि उनके चुनाव प्रचार में उतरने से पहले फ्रेंडली फाइट का मामला सुलझ जाए, क्योंकि वह  नहीं चाहेंगे कि उन सीटों पर जाएं, जहां महागठबंधन का कोई और प्रत्याशी मैदान में हो.

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