बिहार चुनाव 2025: जिस जाति की आबादी केवल 3.45 फीसदी, विधानसभा में होंगे उसके सबसे अधिक विधायक, कौन है वह जाति

इस बार के चुनाव में एनडीए और महागठबंधनों ने राजपूत जाति के 49 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे. इनमें से 37 को एनडीए और 12 को महागठबंधन ने टिकट दिया था. इनमें से 35ने जीत दर्ज की है.

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नई दिल्ली:

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं.  इन नतीजों में पांच दलों के गठबंधन एनडीए ने छप्पर फाड़ सफलता हासिल की है. इस गठबंधन ने 243 सदस्यों वाली विधानसभा में 202 सीटों पर कब्जा जमाया है. वहीं विपक्षी महागठबंधन को केवल 35 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.एनडीए की इस जीत में सामाजिक समीकरणों का भी योगदान सबसे अधिक है. एनडीए और महागठबंधन ने सवर्ण जातियों में सबसे अधिक टिकट राजपूत जाति को दिए थे. दोनों गठबंधनों ने राजपूत समुदाय के 49 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे. इनमें से 37 को एनडीए और 12 को महागठबंधन ने टिकट दिया था.इनमें से 34 ने चुनाव में जीत दर्ज की है. इनमें से 33 एनडीए से जीते हैं. इस बार की विधानसभा में सबसे अधिक संख्या राजपूत विधायकों की होगी.

कहां कहां से जीते हैं राजपूत विधायक

गौरा बौराम सीट से सुजीत कुमार सिंह (बीजेपी), दारौंधा से कर्णजीत सिंह (बीजेपी), लालगंज से संजय कुमार सिंह (बीजेपी), छातापुर से नीरज सिंह बबलू  (बीजेपी) तरैया से  जनक सिंह (बीजेपी), बनियापुर से केदारनाथ सिंह (बीजेपी), बरूराज से अरुण सिंह (बीजेपी), साहेबगंज से राजू सिंह  (बीजेपी), मधुबन से राणा रणधीर सिंह (बीजेपी), महुआ से संजय कुमार सिंह (लोजपाआर), बरौली से मंजीत सिंह  (जेडीयू), गोपालगंज से सुभाष सिंह  (बीजेपी), औरंगाबाद से त्रिविक्रम सिंह (बीजेपी), मोहीउद्दीननगर से राजेश कुमार सिंह (बीजेपी), वजीरगंज से बिरेंद्र सिंह(बीजेपी),  जमुई से श्रेयशी सिंह (बीजेपी), रफीगंज से प्रमोद सिंह(जेडीयू), रामगढ़ से अशोक कुमार सिंह (बीजेपी), गैघाट से कोमल सिंह (जेडीयू), देहरी से सोनू सिंह (लोजपाआर), धमदाहा से लेशी सिंह (जेडीयू), बेलसंड से अमित कुमार रानू (लोजपाआर), लौरिया से बिनय बिहारी सिंह (बीजेपी), डुमरांव से राहुल सिंह (जेडीयू), सोनपुर से विनय सिंह (बीजेपी), डुमरांव से आलोक कुमार सिंह(आरएलएम), नवीनगर से चेतन आनंद (जेडीयू), बाढ़ से सियाराम सिंह (बीजेपी), मांझी से रणधीर सिंह (जेडीयू), आरा से संजय सिंह टाइगर (बीजेपी), बरहरा से राघवेंद्र प्रताप सिंह (बीजेपी), कस्बा से नितेश सिंह (लोजपाआर), सिमरी बख्तियारपुर से संजय कुमार सिंह (लोजपाआर).

इनके अलावा विपक्षी महागठबंधन के टिकट पर एक राजपूत विधायक ने जीत दर्ज की है.

बिहार विधानसभा के चुनाव में बीजेपी, जेडीयू, हम (सेक्युलर), लोजपाआर और रालोम ने 202 सीटों पर कब्जा जमाया है.

बिहार में कितनी है राजपूतों की आबादी

इस बार की बिहार विधानसभा में सबसे ज्यादा विधायक राजपूत जाति के ही चुने गए हैं.बिहार की आबादी में राजपूत जाति की हिस्सेदारी केवल 3.45 फीसदी है.वहीं बिहार की आबादी में 3.65 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली ब्राह्मण जाति के केवल 14 विधायक चुने गए हैं. इस बार की विधानसभा में यादवों की संख्या में कमी आई है. उनकी संख्या पिछली बार की तुलना में करीब आधी रह गई है.पिछली विधानसभा में यादव जाति के विधायकों की संख्या 55 थी. यह इस बार घटकर 28 रह गई है. इनमें से 15 एनडीए से जीते हैं. बाकी राजद और दूसरे दलों के हैं. बसपा से जीता एकमात्र विधायक भी यादव जाति का ही है. यादव जाति की बिहार की जनसंख्या में हिस्सेदारी सबसे अधिक है, जाति सर्वेक्षण के मुताबिक बिहार में यादव आबादी करीब 14 फीसदी है.  

किस जाति के कितने विधायक चुने गए हैं

इस बार राजपूत, यादव और ब्राह्मण जाति के अलावा 25 कुर्मी, 23 कुशवाहा,26 बनिया, 23 भूमिहार, तीन कायस्थ, अन्य पिछड़ी जातियों के 13 विधायक चुने गए हैं. वहीं इस बार 10 मुसलमान विधायक चुने गए हैं. इनमें एआईएमआईएम के पांच, राजद के तीन, कांग्रेस के दो और जेडीयू का एक विधायक शामिल है. 

वहीं अगर 2020 में चुनी गई विधानसभा की बात करें तो उसमें 55 यादव, 10 कुर्मी, 16 कुशवाहा, 22 वैश्य, 18 राजपूत, 17 भूमिहार, 12 ब्राह्मण, तीन कायस्थ, ओबीसी की अन्य जातियों के 21 विधायक थे. वहीं 14 मुस्लिम विधानसभा के लिए चुने गए थे. 

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