उपेंद्र कुशवाहा की नीतीश कुमार को सलाह पर चढ़ा बिहार का सियासी पारा, क्या चाहती हैं राबड़ी देवी

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को JDU को बागडोर अपने बेटे निशांत कुमार को सौंपने की सलाह दी है. कुछ ऐसी ही सलाह राजद नेता रबड़ी देवी ने भी दी है.आइए जानते हैं कि नीतीश को दी जा रही इन सलाहों के पीछे की राजनीति क्या है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पार्टी की कमान अपने बेटे निशांत को सौंपने की सलाह दी है.
  • कुशवाहा का मानना है कि नीतीश कुमार को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी चुन लेना चाहिए.
  • जेडीयू ने कुशवाहा की इस सलाह को खारिज करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ही पार्टी के प्रमुख और चेहरे बने रहेंगे.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा का एक बयान इन दिनों सुर्खियां बना हुआ है.कुशवाहा ने यह बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दिया था. इसमें उन्होंने नीतीश कुमार से जेडीयू की कमान किसी और को सौंपने और मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की अपील की थी. उनका कहना था कि सरकार और पार्टी दोनों को एक साथ चलाना नीतीश के लिए भी उचित नहीं है. उनका कहना है कि बिहार को नीतीश के अनुभव का लाभ आगे भी मिले इसके लिए यह जरूरी है. कुशवाहा का इशारा था कि नीतीश पार्टी की कमान अपने बेटे निशांत को सौंप दें. नीतीश को यह सलाह देने के लिए कुशवाहा ने निशांत के जन्मदिन का दिन चुना था.नीतीश को ऐसी सलाह देने वाले कुशवाहा अकेले नहीं हैं, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रबड़ी देवी ने भी इसी तरह की सलाह नीतीश कुमार को दी है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे की राजनीति क्या है. 

उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को क्या सलाह दी है

उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी की कमान किसी और को सौंपने की सलाह देते हुए कहा है कि यह सुझाव उनका अकेले का नहीं, बल्कि जेडीयू के हजारों कार्यकर्ताओं की भी यह राय है. उनके इस बयान से राजनीतिक मायने यह निकाला जाने लगा है कि कुशवाहा निशांत को ही जेडीयू का भविष्य मानते हैं? वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुशवाहा अपने लिए ही सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं. दरअसल उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार का कभी एक साथ हुआ करते थे. दोनों के रिश्तों में कई बार उतार-चढ़ाव आए. कुशवाहा जेडीयू के संस्थापक सदस्य हैं. वो तीन बार जेडीयू छोड़ चुके हैं. लेकिन जेडीयू से निकलकर कुशवाहा ने कई राजनीतिक प्रयोग किए, लेकिन कभी सफल नहीं हुए. जेडीयू से निकलने के बाद कुशवाहा को सबसे बड़ी सफलता 2014 में मिली थीं. जब उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने एऩडीए में रहते हुए चार सीटों पर चुनाव लड़कर तीन पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में राज्यमंत्री बनाए गए थे.  कुशवाहा 2018 में एनडीए छोड़कर महागठबंधन में चले गए थे. लेकिन 2020 के चुनाव में उनकी पार्टी को कोई सफलता नहीं मिली. इसके बाद वो जेडीयू में लौट आए थे. लेकिन वो बहुत दिन तक जेडीयू में नहीं रह पाए. वो पार्टी छोड़कर अलग हुए और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नाम से अपनी अलग पार्टी बनाई. लेकिन 2024 के चुनाव में उनकी पार्टी शून्य पर ही रही और काराकट में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 

Advertisement

उपेंद्र कुशवाहा की राजनीति

विधानसभा चुनाव से पहले कुशवाहा अभी भी एनडीए में बने हुए हैं. लेकिन सलाह नीतीश कुमार को दे रहे हैं. वो नीतीश कुमार के स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनने की सलाह दे रहे हैं. नीतीश के स्वास्थ्य के आधार पर विपक्ष भी उनपर हमले करता है. दरअसल कुछ वीडियो में नीतीश कुमार का व्यवहार लोगों को परेशान कर रहा है. इससे उनके स्वास्थ्य को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में कुशवाहा निशांत कुमार को जेडीयू की उम्मीद बताकर यह संदेश दिया कि नीतीश को अपना उत्तराधिकारी चुनना चाहिए. यह सलाह देकर उपेंद्र कुशवाहा निशांत कुमार के जरिए जेडीयू को मजबूत बनाना चाहते हैं, जिससे निकलकर वो अभी भी भटक रहे हैं.दरअसल कुशवाहा को लगता है कि अगर निशांत जेडीयू की कमान संभालते हैं तो वह नीतीश की विरासत संभालेंगे. यह भी हो सकता है कि इसके जरिए कुशवाहा खुद को जेडीयू में मजबूत स्थिति में लाना चाहते हैं. जेडीयू उनके लिए नई नहीं है. वह उसके संस्थापकों में से एक हैं.कुशवाहा भी बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, उन्हें लगता होगा कि नीतीश कुमार के बाद वो नेतृत्व की दौड़ आ जाएंगे. वहीं कुछ राजनीतिक विश्वेषक इसे कुशवाहा की विधानसभा चुनाव में अधिक सीटें हासिल करने की कोशिश भी बता रहे हैं. वो नीतीश को कमजोर बताकर अपने लिए अधिक सीटों की मांग कर सकते हैं. 

Advertisement

उपेंद्र कुशवाहा तीन बार जनता दल यूनाइटेड छोड़ चुके हैं. एक समय वह नीतीश के करीबी हुआ करते थे.

नीतीश को राबड़ी देवी ने क्या सलाह दी है

जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा की मांग को खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि नीतीश ही जेडीयू का चेहरा हैं और रहेंगे, पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनके साथ हैं. कुशवाहा का बयान एनडीए की परेशानी बढ़ा सकता है. लोजपा (आरवी) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी राज्य में मजबूत नेतृत्व की मांग उठा चुके हैं. ऐसे में कुशवाहा और पासवान का बयान विपक्ष की लाइन की अगली कड़ी हो सकता है. इससे आजेडी और महागठबंधन की दूसरी पार्टियों को नीतीश पर हमले का और मौका मिलेगा. इसी का परिणाम है कि बिहार विधान परिशद में नेता प्रतिपक्ष रबड़ी देवी ने कहा है कि नीतीश कुमार को सीएम पद अपने बेटे निशांत को सौंप देना चाहिए. बिहार में अपराध को मुद्दा बनाते हुए रबड़ी देवी ने कहा है कि गृहमंत्री भी नीतीश कुमार ही हैं, लेकिन उनसे संभल नहीं रहा है, ऐसे में वो या तो इस्तीफा दे दें या अपने बेटे को सीएम बना दें.उनका कहना है कि नीतीश का बेटा युवा है, इसलिए उनका कामकाज संभाल लेगा. इस स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती नीतीश कुमार पर हैं. स्वास्थ्य को लेकर व्यक्त की जा रही चिंताओं के बीच उन्हें पार्टी और सरकार के बीच सामंजस्य बनाना होगा, खसाकर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले. 

Advertisement

ये भी पढ़ें: अखिलेश जी, अखिलेश जी... भारी हंगामे पर सपा सांसद को क्या बोले स्पीकर बिरला, ऑपरेशन सिंदूर पर क्‍यों मचा संग्राम?

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Voter List Controversy: बिहार में वोटर लिस्ट के रिविजन पर दिल्ली से पटना तक हंगामा, देखें