बिहार में 'गोभी की खेती' पर क्‍यों नहीं थम रहा बवंडर? जानिए विवाद की पूरी कहानी

थरूर ने जवाब दिया, 'एक गौरवान्वित हिंदू होने के नाते, मैं अपनी और अपने जानने वाले ज्यादातर हिंदुओं की बात कह सकता हूं. वो ये कि न तो हमारा धर्म और न ही हमारा राष्ट्रवाद ऐसे नरसंहारों की मांग करता है या उनका समर्थन करता है.'

विज्ञापन
Read Time: 5 mins

बिहार चुनाव में एनडीए को मिली बंपर जीत के बाद एक सोशल मीडिया पोस्‍ट के चलते शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. ये बवाल है- 'गोभी की खेती' को लेकर. हिमंत बिस्‍वा सरकार में शामिल एक मंत्री (BJP) की इस पोस्‍ट पर कांग्रेस और टीएमसी नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है. कई एक्‍स यूजर्स भी पोस्‍ट पर सवाल उठा रहे. वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी एक यूजर के सवाल के बाद टिप्‍पणी कर दी है. असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने गोभी के खेत की एक फोटो शेयर की है और कैप्‍शन लिखा है- बिहार अप्रूव्‍ड गोभी फार्मिंग.

लेकिन ठहरिये, मामला सीधे-सीधे 'गोभी की खेती' (Gobi Farming) से जुड़ा नहीं है. अगर आप इस मामले से जरा भी वाकिफ नहीं हैं तो आपका अंदाजा गलत हो सकता है. इस मामले के तार भागलपुर में हुए 1989 के दंगे से जोड़े जा रहे हैं. पूरा बवाल क्‍या है, आइए समझने की कोशिश करते हैं.

कहां से शुरू हुआ बवाल?

बिहार चुनाव में प्रचार के लिए सभी दलों ने अपने स्‍टार प्रचारकों को मैदान में उतारा था. बीजेपी ने भी उतारा. स्‍टार प्रचारक के तौर पर असम के मुख्‍यमंत्री और फायरब्रांड नेता कहे जाने वाले हिमंत बिस्‍वा सरमा भी आए. उनके कुछेक आक्रामक भाषण भी वायरल हुए. उन्‍हीं की कैबिनेट में मंत्री हैं- अशोक सिंघल. 14 नवंबर को जब बिहार चुनाव के परिणाम आए, NDA को बंपर जीत मिली और BJP को बंपर सीटें मिलीं तो सिंघल ने गोभी के खेत की तस्‍वीर के साथ एक्‍स पर एक पोस्‍ट डाल दी. लिखा- बिहार ने गोभी की खेती को मंजूरी दे दी.

1989 के भागलपुर दंगे से कनेक्‍शन

अशोक सिंघल की पोस्‍ट में गोभी के खेत की तस्‍वीर पहले तो लोगों को समझ नहीं आई. विपक्ष नेता भी पहले ये समझ नहीं पाए. हालांकि बाद में इसका संबंध 1989 में हुए भागलपुर दंगे से जोड़ा जाने लगा. इस दंगे में कथित तौर पर बड़ी संख्‍या में एक अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों को मार कर दफना दिया गया था. आरोप लगते हैं कि जांच से बचने के लिए शवों को खेतों में दबा दिया गया और खेत में फूलगोभी की फसल बो दी गई थी.

विपक्ष ने साधा निशाना, घृणित मानसिकता बताया

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने इस पोस्‍ट पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्‍होंने एक्‍स पोस्‍ट में लिखा- 'बिहार चुनाव परिणामों के मद्देनजर असम के एक मौजूदा कैबिनेट मंत्री द्वारा 'गोभी की खेती' (Gobi Farming) की तस्‍वीर का घटिया राजनीतिक इस्‍तेमाल किया गया. ये अश्लील भी है और शर्मनाक भी. '

Advertisement

उन्‍होंने लिखा, 'ये तस्‍वीर 1989 दंगे से जुड़ी है, जब‍ भागलपुर में 116 मुसलमानों की हत्‍या कर दी गई और उनके शवों को फूलगोभी के खेतों (cauliflower plantations) के नीचे छिपा दिया गया. इस त्रासदी को ऐसे याद करना दिखाता है कि सार्वजनिक जीवन में कुछ लोग कितना नीचे गिरने को तैयार हैं.' उन्‍होंने सीएम हिमंत बिस्‍वा सरमा को भी ऐसी सोच को बढ़ावा देने के आरोप लगाए.

किशनगंज सांसद और टीएमसी की आपत्ति

सीमांचल में किशनगंज से कांग्रेस सांसद मो जावेद ने एक्‍स पोस्‍ट में कहा, 'BJP और RSS कार्यकर्ताओं के पास बस एक ही चीज है- मुस्लिमों के खिलाफ नफरत.' तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने कहा, 'गोभी की खेती का मतलब 1989 में बिहार के भागलपुर में मुसलमानों की सामूहिक हत्या का महिमामंडन करना है. सबूत छिपाने के लिए कब्रों पर फूलगोभी की खेती की गई. ये असम से बीजेपी के मंत्री हैं. ' वहीं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े समेत कई एक्‍स यूजर्स ने इस पोस्‍ट की आलोचना की.

Advertisement

शशि थरूर ने कर दी तटस्‍थ टिप्‍पणी

इस मामले में शशि थरूर की भी टिप्‍पणी सामने आई है. सैफ नाम के एक एक्‍स यूजर ने कांग्रेस नेता को टैग करते हुए लिखा कि एक कैबिनेट मंत्री जीत का जश्‍न मनाने के लिए 116 मुसलमानों के नरसंहार का महिमामंडन कर रहे हैं. थरूर को टैग करते हुए उसने पूछा कि क्‍या वो कुछ हिंदू नेताओं से बिहारी मुसलमानों के खिलाफ हुए कृत्‍य की निंदा करवा सकते हैं.'

इस पर थरूर ने जवाब दिया, 'मैं कोई सामुदायिक आयोजक नहीं हूं, इसलिए ज्‍वाइंट बयान जारी करना मेरा काम नहीं है.' आगे उन्‍होंने लिखा, 'भारत के समर्थक और एक गौरवान्वित हिंदू होने के नाते, मैं अपनी और अपने जानने वाले ज्यादातर हिंदुओं की बात कह सकता हूं. वो ये कि न तो हमारा धर्म और न ही हमारा राष्ट्रवाद ऐसे नरसंहारों की मांग करता है, उन्हें उचित ठहराता है या उनका समर्थन करता है, उनकी सराहना तो दूर की बात है.'

Advertisement

इतने बवाल के बाद अशोक सिंघल ने अपनी पोस्‍ट तो नहीं हटाई, हालांकि कुछ घंटे बाद की गई एक अलग पोस्‍ट में उन्‍होंने बिहार में एनडीए की जीत के पीछे के कई कारण गिनाए. उन्‍होंने गृह मंत्री को इस बड़ी जीत का श्रेय दिया और कई कारण गिनाए. इन कारणों में सोशल इंजीनियरिंग, सामुदायिक-सांस्कृतिक पहुंच, नारी शक्ति और युवा शक्ति के लिए योजनाएं और अन्‍य उपलब्धियों का हवाला दिया.

Advertisement

ये भी पढ़ें: तेजस्वी-रोहिणी के बीच 'चप्पल कांड' तो क्लाइमेक्स है, पढ़िए गृह कलह की पूरी पटकथा

Featured Video Of The Day
Delhi Blast: विस्फोटक लेकर दिल्ली के हर कोने में घूमा सुसाइड बॉम्बर Umar, क्या थी उसकी मंशा? | NDTV