विधान सौध पर 4 जून को बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है. इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत के जश्न के दौरान पुलिस ने भारी भीड़ को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी. कर्नाटक विधान सौध में तैनात पुलिस बल ने परिसर की भव्य सीढ़ियों पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के IPL ट्रॉफी जीत का जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी दी थी. साथ ही राज्य विधानमंडल के सुरक्षा विंग में कर्मचारियों की कमी के कारण उत्पन्न होने वाली सुरक्षा चुनौतियों पर भी चिंता जताई थी.
RCB द्वारा IPL में अपनी पहली खिताबी जीत दर्ज करने के बाद 4 जून को कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग को लिखे पत्र में विधान सौध के पुलिस उपायुक्त (DCP) एमएन करिबासवना गौड़ा ने मौके पर आने वाले "लाखों क्रिकेट प्रशंसकों" से निपटने के लिए सुरक्षा तैयारियों के लिए समय की कमी की ओर इशारा किया था. उन्होंने विधान सौध के आसपास और सामने सीसीटीवी कैमरों की कमी के बारे में भी बताया था.
भगदड़ के दौरान 11 लोगों की हुई थी मौत
एनडीटीवी के पास यह चिट्ठी है. यह चिट्ठी ऐसे वक्त में सामने आई है जब राज्य सरकार राज्य विधानमंडल और चिन्नास्वामी स्टेडियम में समारोहों के कथित कुप्रबंधन को लेकर कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रही है. विधान सौध में आरसीबी की टीम को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सम्मानित किया था. इस भगदड़ में 14 साल की लड़की सहित 11 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में अब तक आरसीबी के मार्केटिंग हेड सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
डीसीपी ने सरकार को चिट्ठी में क्या लिखा?
राज्य सरकार को लिखे अपने पत्र में डीसीपी ने कहा: "चूंकि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम की देशभर में बहुत प्रशंसक हैं, इसलिए विधान सौधा की भव्य सीढ़ियों पर सम्मान समारोह आयोजित करने से लाखों क्रिकेट प्रशंसक आ सकते हैं, जिससे विधान सौधा सुरक्षा विंग में अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी के कारण सुरक्षा संबंधी चुनौतियां पैदा हो सकती है." पुलिस अधिकारी ने चुनौतियों की एक सूची दी और उनसे निपटने के लिए कुछ उपाय सुझाए थे.
उन्होंने सुरक्षा की निगरानी के लिए "बाहर से अतिरिक्त पुलिसकर्मियों" की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि इसकी तैयारी के लिए पर्याप्त समय की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, "इस तरह के बड़े पैमाने के आयोजन के लिए कानून और व्यवस्था और यातायात पुलिस के विभागों के साथ समन्वय जरूरी है और वर्तमान समय-सीमा पूरी तैयारी के लिए अपर्याप्त लगती है."
पत्र में जनता द्वारा ड्रोन कैमरों के उपयोग की संभावना को भी चिह्नित किया और सिफारिश की कि आयोजन स्थल पर ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित की जाए.
सचिवालय कर्मचारियों को लेकर भी दी सलाह
साथ ही पुलिस ने सम्मान समारोह के लिए सचिवालय कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के प्रवेश के खिलाफ सलाह दी.
उन्होंने पत्र में कहा कि कार्यक्रम 04.06.2025 को शाम 4:00 बजे आयोजित किया जाना है. इस बात की बहुत संभावना है कि सचिवालय के अधिकारी/कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों को आयोजन स्थल पर ले आएं. इसलिए अनुरोध किया जाता है कि कर्मचारियों को परिवारों को लाने से रोकने और उस दिन सचिवालय कर्मचारियों के लिए दोपहर का अवकाश घोषित करने के आदेश जारी किए जाएं. इसके अलावा उन्हें आयोजन स्थल पर उपस्थित नहीं होने का भी निर्देश दिया जाना चाहिए.
गौड़ा ने सुझाव दिया कि उस दिन विधान सौध में सार्वजनिक प्रवेश के लिए सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन पास पूरी तरह प्रतिबंधित होने चाहिए.
विभिन्न विभागों द्वारा निरीक्षण की जताई थी जरूरत
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के सम्मान के लिए बनने वाले मंच के स्ट्रक्चर की स्थिरता को पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रमाणित कराया जाना चाहिए. साथ ही कहा, "आयोजकों को कम से कम दो घंटे पहले निरीक्षण के लिए मंच उपलब्ध कराने के लिए सूचित किया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा, "चूंकि कार्यक्रम में इलेक्ट्रिकल उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, इसलिए संबंधित पीडब्ल्यूडी (विद्युत) सहायक कार्यकारी अभियंता से फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना चाहिए. इस उद्देश्य के लिए उन्हें एक औपचारिक पत्र भेजा जाना चाहिए."
साथ ही गौड़ा ने कहा कि आयोजकों को कार्यक्रम से कम से कम दो घंटे पहले मंच को तोड़फोड़ विरोधी जांच के लिए उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाना चाहिए.
इस मामले में पुलिस कमिश्नर ने पहले ही साफ कर दिया था कि विक्ट्री परेड नहीं निकाली जा सकती है. बहुत ही ज्यादा भीड़ के कारण हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं. बेरिकेडिंग और सही तरीके से सुरक्षा व्यवस्था के लिए 48 घंटे का वक्त चाहिए. अब डीसीपी विधान सौध का पत्र सामने आया है. विक्ट्री परेड के दौरान वहां पर भी भगदड़ के हालात बने थे. विधान सौध से चिन्नास्वामी स्टेडियम की दूरी मुश्किल से एक से सवा किमी है. पुलिस का साफ कहना था कि कोई भी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्होंने विधानसभा के सचिव को कहा था कि वो विधानसभा का कार्यक्रम करे, लेकिन चिन्नास्वामी स्टेडियम में कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी थी.
अनुमति नहीं मिलने के बावजूद किया गया था आयोजन!
आरसीबी, डीएनए एंटरटेनमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के खिलाफ गुरुवार को भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें गैर इरादतन हत्या का मामला भी शामिल है.
राज्य सरकार के अनुसार, डीएनए एंटरटेनमेंट ने जीत के जश्न का प्रबंधन किया, जबकि केएससीए ने कार्यक्रम का आयोजन किया.
केएससीए ने कहा कि उसने कार्यक्रम के लिए अनुमति मांगी थी. शुरुआती निष्कर्षों से यह संकेत मिलता है कि आरसीबी, डीएनए एंटरटेनमेंट और केएससीए ने अनुमति नहीं देने के बावजूद कार्यक्रम का आयोजन किया.
केएससीए के अध्यक्ष रघुराम भट, सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम ने शुक्रवार को कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि एफआईआर "न्याय का गंभीर रूप से हनन है और गलत पक्षों पर जिम्मेदारी डालने का प्रयास करती है".
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद सहित कई अधिकारियों को भगदड़ के लिए कथित ढिलाई के लिए निलंबित कर दिया गया है.