केंद्रीय मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला, 80 करोड़ लोगों को अगले साल मार्च तक मिलता रहेगा मुफ्त अनाज

पीएमजीकेएवाई योजना (PMGKAY Scheme) के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण (Free Food Distribution) करने की घोषणा पिछले साल मार्च में कोविड महामारी के दौरान गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए की गई थी.

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एनएफएसए के तहत सामान्य कोटे से अधिक पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet) ने बुधवार को राशन कार्डधारकों (Ration Card Holders) को राहत प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त खाद्यान्न आपूर्ति (Free Food Supply) को मार्च, 2022 तक यानी चार महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया. सरकार के इस फैसले से राजकोष पर 53,344 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. पीएमजीकेएवाई योजना (PMGKAY Scheme) के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण (Free Food Distribution) करने की घोषणा पिछले साल मार्च में कोविड महामारी के दौरान गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए की गई थी. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 2-3 रुपये प्रति किलो की बेहद सब्सिडी प्राप्त दर पर प्रदान किए जाने वाले सामान्य कोटे के ऊपर पीएमजीकेएवाई योजना (PMGKAY Scheme) के तहत यह मुफ्त खाद्यान्न वितरण होगा.

इस फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने पीएमजीकेएवाई कार्यक्रम को मार्च, 2022 तक चार महीने के लिए बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर 53,344 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई की कुल लागत इस चालू कार्यक्रम के सभी पांच चरणों सहित लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. कोविड-19 महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए यह योजना अप्रैल, 2020 में तीन महीने के लिए शुरू की गई थी. तब से इसे कई बार बढ़ाया जा चुका है.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सामान्य कोटे से अधिक पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘पीएमजीकेएवाई को मार्च, 2022 तक चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.'' पिछले साल देश में कोविड-19 महामारी के तेजी से फैलने कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने के चलते सरकार ने मार्च, 2020 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज वितरण करने की घोषणा की थी.

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इस योजना के पहले चरण और दूसरे चरण को क्रमशः अप्रैल से जून, 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 तक चालू किया गया था. योजना का तीसरा चरण, मई से जून 2021 तक चालू था, जबकि योजना का चौथा चरण मौजूदा में जुलाई-नवंबर, 2021 के लिए चालू है. एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘दिसंबर, 2021 से मार्च, 2022 तक पांचवे चरण के लिए खाद्य सब्सिडी की अतिरिक्त लागत 53,344.52 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.'' पीएमजीकेएवाई के तहत पांचवें चरण के लिए खाद्यान्न के स्तर पर कुल खपत लगभग 163 लाख टन होने की संभावना है.

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अब तक पीएम-जीकेएवाई (पहले से चौथे चरण) के तहत, केंद्र ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को कुल लगभग 600 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किया है, जो खाद्य सब्सिडी में लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये के बराबर है. बयान में कहा गया है, ‘‘कुल मिलाकर, सरकार पीएमजीकेएवाई चरण एक से पांच में लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.'' अभी तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के द्वारा 93.8 प्रतिशत खाद्यान्न का उठाव किया गया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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