नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, EOW ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को भेजा नोटिस

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ईओडब्ल्यू ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को नेशनल हेराल्ड मामले में नोटिस जारी किया है
  • नोटिस में डीके शिवकुमार से फाइनेंशियल और ट्रांजैक्शनल डिटेल्स सहित बैंक लेनदेन का पूरा विवरण मांगा गया है
  • जांच में शिवकुमार के कांग्रेस से जुड़ाव और यंग इंडियन कंपनी को ट्रांसफर किए गए फंड्स की जानकारी भी शामिल है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. दिल्ली पुलिस की EOW ने कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार को नोटिस जारी किया है. नोटिस में फाइनेंशियल और ट्रांजैक्शनल डिटेल्स उपलब्ध कराने को कहा गया है. EOW ने बताया कि डीके शिवकुमार के पास सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज नेशनल हेराल्ड केस की FIR से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज हो सकते हैं.

नोटिस में क्या है

  1. 29 नवंबर को भेजे गए नोटिस में उन्हें 19 दिसंबर तक पेश होने या सभी मांगी गई जानकारी देने का आदेश दिया गया है. जांचकर्ताओं ने उनके पर्सनल बैकग्राउंड, कांग्रेस से जुड़ाव, और Young Indian को कथित तौर पर ट्रांसफर किए गए फंड्स का भी पूरा विवरण मांगा है.
  2. नोटिस में कहा गया है, ‘‘आपको सूचित किया जाता है कि ईओडब्ल्यू, दिल्ली पुलिस उपरोक्त मामले की प्राथमिकी की जांच कर रही है और आपके पास उपरोक्त मामले के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी है.''
  3. ईओडब्ल्यू के सवालों में शिवकुमार के बैंक लेन देन का उद्देश्य इन निधियों का स्रोत, उनके और ‘यंग इंडियन' या एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के पदाधिकारियों के बीच किसी भी संचार का विवरण, क्या भुगतान किसी के निर्देश पर किया गया था और क्या उन्हें धन के इच्छित उपयोग के बारे में पता था जैसे सवाल शामिल हैं.
  4. ईओडब्ल्यू ने आयकर रिकॉर्ड, वित्तीय विवरण और भुगतान के संबंध में जारी किए गए किसी भी दान प्रमाण पत्र की भी मांग की है.

नेशनल हेराल्ड मामला क्या है

नेशनल हेराल्ड मामला मूल रूप से भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2013 में की गई एक निजी शिकायत पर आधारित है. यह इस आरोप पर आधारित है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 988 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को ‘यंग इंडियन' ने 2010 में एआईसीसी से जुड़े एक लेनदेन के माध्यम से 50 लाख रुपये में खरीद लिया था.

प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत के आधार पर ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में एजेएल की परिसंपत्ति को ‘यंग इंडियन' को हस्तांतरित करने के संबंध में आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है. ‘यंग इंडियन' एक ऐसी कंपनी है जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की संयुक्त रूप से 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

Featured Video Of The Day
IndiGO Crisis: Airport पर हाहाकार, कौन जिम्मेदार? | Indigo Flight Cancelled | Top News | NDTV