Lakhimpur Kheri Violence: किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait)ने लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मिली जमानत पर सवाल उठाया है. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि किस मामले में सुप्रीम कोर्ट से किसानों का न्याय जरूर मिलेगा. NDTV से बातचीत में आशीष मिश्रा के गवाहों और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ के सवाल पर टिकैत ने कहा कि सरकार तो ये कहेगी ही. वो तो ये कहेंगे ही. राज्य सरकार सभी गवाहों से यह पूछ भी रही है कि किसी को कोई धमकी तो नहीं मिली है. किसान नेता टिकैत ने कहा कि किसी को जेल में सिर्फ इसलिए नहीं रखा जाता कि वो बाहर आने पर धमकी देगा. इसी आधार पर हजारों लोग जेल में जो बंद हैं, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. वो (आशीष मिश्रा) गृह राज्य मंत्री का बेटा है, इसलिए जेल से बाहर है. उन्होंने कहा कि गवाहों के बयानों को ज्यादा तवज्जो दी जानी चाहिए.
लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने की घटना के बाद भी विधानसभा चुनाव में जिले की सभी सीटों पर बीजेपी के जीतने संबंधी सवाल पर टिकैत ने कहा, 'वहां (लखीमपुर खीरी में) दहशत का माहौल है. पहले भी केंद्रीय मंत्री के खिलाफ केस हैं, उनके खिलाफ हत्या का केस है. सबको पता है कि उनके खिलाफ कुछ नहीं हो पाएगा.
उन्होंने कहा कि लखीमपुर में जो हुआ, वह पूरी दुनिया ने देखा. वो एक सुनियोजित साजिश थी औऱ इसे दुर्घटना का रूप दिया गया. इस खौफनाक कांड को अंजाम देने के तीन महीने बाद मुख्य आरोपी को जमानत देना क्या नजीर पेश करेगा. हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें न्याय जरूर मिलेगा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में गरीब पीड़ित परिवार इन मजबूत लोगों से टक्कर नहीं ले सकता. ऐसे घृणित अपराधों में सरकारों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अगर ऐसे कांड करके भी मुलजिम बाहर रहेगा. अगर ऐसे अपराधियों के पक्ष में सरकारें दलील देगी तो उससे साफ है कि जो लोग उनके पक्ष में हैं, उनसे केस को प्रभावित किया जा रहा है.
- ये भी पढ़ें -
* Odisha: विनय मोहन क्वात्रा नए विदेश सचिव होंगे, अभी नेपाल में भारतीय राजदूत
* "कैग ने ‘‘नमामि गंगे'' के लिए दिए गए फंड का उपयोग नहीं करने पर बिहार सरकार की आलोचना की
* "राज्यसभा में BJP ने लगाई सेंचुरी, जानें, अब संसद के उच्च सदन में किस पार्टी के हैं कितने सदस्य
करौली में हिंसा के दौरान एक पुलिस कर्मी ने आग से घिरी मां और उसके बच्चे को बचाया