छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत के दर्शन कराएगी 'भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन', जानें यात्रा से जुड़ी सारी बातें

हैरिटेज स्पेशल टूर में पर्यटकों को रायगढ़ किला, पुणे (लाल महल, कसबा गणपति और शिवसृष्टि), शिवनेरी किला, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, प्रतापगढ़ किला और कोल्हापुर (महालक्ष्मी मंदिर और पन्हाला किला) दिखाए जाएंगे.

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Bharat Gaurav Tourist Train: भारतीय रेल पहली बार 'छत्रपति शिवाजी महाराज सर्किट' पर हैरिटेज टूर का आयोजन करने जा रही है. इस टूर में मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थलों को कवर किया जाएगा. भारत गौरव ट्रेन अपनी यात्रा की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) से करेगी, और कोंकण रेलवे नेटवर्क पर स्थित मनगांव रेलवे स्टेशन पहुंचेगी. जो रायगढ़ किले का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है. रायगढ़ वही ऐतिहासिक स्थल है, जहां शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था और बाद में उनकी राजधानी भी बना. रायगढ़ किला घूमने के बाद पर्यटक ट्रेन पर वापस आएंगे और पुणे के लिए रवाना होंगे, जहां रात के खाने और होटल में रात्रि विश्राम की व्यवस्था होगी.

दूसरा दिन: लाल महल, कसबा गणपति और शिवसृष्टि

यात्रा के दूसरे दिन पर्यटकों को पुणे के प्रमुख स्थलों - लाल महल, कसबा गणपति और शिवसृष्टि - दिखाए जाएंगे. लाल महल का निर्माण 1630 ई. में शाहजी भोंसले ने अपनी पत्नी जीजाबाई और पुत्र शिवाजी के लिए करवाया था. वर्तमान संरचना 1984 में पुनर्निर्मित हुई है और इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़ी तैल चित्रों की एक विशाल श्रृंखला लगी है. कसबा गणपति मंदिर, पुणे के ग्रामदेवता के रूप में प्रसिद्ध है जिसे 1893 में स्थापित किया गया.

माना जाता है कि इस स्थान को छत्रपति शिवाजी की माता जीजाबाई द्वारा चुना गया था. इसके बाद से ही पुणे को भगवान गणेश का नगर कहा जाने लगा. पर्यटक यहां से शिवसृष्टी जाएंगे, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित भारत का सबसे बड़ा थीम पार्क है. यहां पर्यटक 3D में शिवाजी के जीवन दर्शन और अन्य इंटरैक्टिव सेशंस का आनंद लेंगे.

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तीसरा दिन: छत्रपति शिवाजी के जन्मस्थान की यात्रा  

पुणे में रात्रि विश्राम के बाद पर्यटक यात्रा के तीसरे दिन पुणे से लगभग 95 किलोमीटर दूर स्थित शिवनेरी किले की यात्रा करेंगे, जो जुन्नार सिटी के पास एक पहाड़ी पर स्थित है. यह छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मस्थान और मुस्लिम शासन के खिलाफ मराठा गौरव का प्रतीक है. इसी दिन दोपहर के भोजन के बाद पर्यटक 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन करेंगे. इसके बाद रात्रि विश्राम के लिए पर्यटक पुणे लौटेंगे.

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'छत्रपति शिवाजी महाराज सर्किट टूर' के लिए बहुप्रतीक्षित ट्रेन यात्रा 09 जून 2025 को प्रस्थान करेगी. 5 रात और 6 दिन की इस यात्रा की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन से होगी.

अत्याधुनिक भारत गौरव एसी टूरिस्ट ट्रेन, स्लीपर, सेकेंड एसी और थर्ड एसी कोच के साथ कुल 748 पर्यटकों को समायोजित करने की क्षमता रखती है. पर्यटक इस टूरिस्ट ट्रेन में दादर और ठाणे रेलवे स्टेशनों से भी सवार हो सकते हैं. इस विरासत यात्रा के टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक किए जा सकते हैं जो पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर ऑनलाइन उपलब्ध है.

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चौथा दिन: सतारा और प्रतापगढ़ किले का भ्रमण

चौथे दिन पर्यटक भारत गौरव ट्रेन के साथ सतारा के लिए प्रस्थान करेंगे और प्रतापगढ़ किले का भ्रमण करेंगे. यह वही ऐतिहासिक किला है जहाँ 1659 में अफ़ज़ल खान और छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच युद्ध हुआ था, जिसने मराठा साम्राज्य की नींव रखी. दिन में लंच के बाद ट्रेन अपने अंतिम गंतव्य कोल्हापुर के लिए रवाना होगी.

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5वां दिन: महालक्ष्मी मंदिर और पन्हाला किला

पांचवें दिन की सुबह ट्रेन छत्रपति शाहू जी महाराज टर्मिनस, कोल्हापुर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी. यहां होटल में नाश्ते और तैयारियों के बाद पर्यटक महालक्ष्मी मंदिर (अंबाबाई) और फिर पन्हाला किला जाएंगे. सह्याद्री पर्वत पर स्थित यह किला कई ऐतिहासिक लड़ाइयों का साक्षी रहा है. यहीं शिवाजी महाराज 500 दिनों तक रुके और फिर सफलतापूर्वक निकल भागे थे.

पन्हाला किला अपने सांप- जैसे आकार के कारण ‘फोर्ट ऑफ स्नेक्स' भी कहलाता है. यह किला शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के जीवन से जुड़ा है. यह स्थल शिवाजी महाराज के कमांडर बाजी प्रभु देशपांडे की वीरता के लिए भी याद किया जाता है. यहां से देर शाम को ट्रेन मुंबई के लिए वापसी यात्रा पर निकलेगी. छठे दिन सुबह मुंबई पहुंचेगी.

इस यात्रा का आयोजन भारतीय रेल के टूरिज्म एंड कैटरिंग कॉरपोरेशन द्वारा किया जा रहा है, जिसमें होटल में रात्रि विश्राम, शाकाहारी भोजन, बसों के जरिए दर्शनीय स्थल भ्रमण, यात्रा बीमा और टूर एस्कॉर्ट आदि की सुविधाएं मिलेंगी.

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