कोरोना के एक और टीके पर Bharat Biotech कर रहा काम, इसका पहले चरण का ट्रायल फरवरी-मार्च में होगा शुरू

DCGI ने जिन दो टीकों के सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी है, उनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका के द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर तैयार कोविशील्ड तथा घरेलू दवा कंपनी भारत बायोटेकके द्वारा विकसित पूर्णत: स्वदेशी कोवैक्सीन शामिल है.

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भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉ. कृष्‍णा इल्‍ला (फाइल फोटो)
हैदराबाद:

Covid-19 vaccine: भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ उसके नए इंट्रानेजल एंटीडोट के लिए पहले चरण के क्‍लीनिकल परीक्षण (clinical trials) इस वर्ष फरवरी-मार्च तक आरंभ होंगे.
‘इंट्रानेजल एंटीडोट' (Intranasal antidote) नाक के जरिए दी जाने वाली संक्रमणरोधी दवा को कहा जाता है.
 ‘कोवैक्सीन' के अलावा भारत बायोटेक एक और टीके के विकास के लिए काम कर रहा है जो एक ही खुराक में कोविड-19 से बचाव करेगा. इस टीके के विकास के लिए भारत बायोटेक वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ मिलकर काम कर रहा है.

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टीका निर्माता कंपनी ने बताया, ‘‘बीबीवी154 (इंट्रानेजल कोविड-19 टीका) का क्लिनिकल परीक्षण से पहले का परीक्षण पूरा हो चुका है. ये अध्ययन अमेरिका तथा भारत में किए गए. मानव पर पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण फरवरी-मार्च 2021 तक शुरू होगा.''भारत बायोटेक ने बताया कि मानव पर पहले चरण का परीक्षण भारत में किया जाएगा.

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गौरतलब है कि DCGI ने जिन दो टीकों के सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी है, उनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका के द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर तैयार कोविशील्ड तथा घरेलू दवा कंपनी भारत बायोटेकके द्वारा विकसित पूर्णत: स्वदेशी कोवैक्सीन शामिल है. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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