Bengaluru Stampede: 11 की मौत, 50 से अधिक घायल, बेंगलुरु में जानलेवा जश्न के ये हैं 11 गुनाहगार

Bengaluru Stadium Stampede: इस भगदड़ के बाद गुरुवार को NDTV टीम ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के साथ-साथ वहां के मेडिकल कमांड सेंटर का भी दौरा किया. जिसके बाद इस जानलेवा जश्न के कई जिम्मेदार गुनाहगार की भूमिका में नजर आए.

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Bengaluru Stampede: भगदड़ के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बिखरे पड़े चप्पल.

Bengaluru Stadium Stampede: 17 साल बाद IPL जीत कर विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने नया इतिहास रच दिया. लेकिन जीत के जश्न के दौरान एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ ने माहौल को मातम में बदल दिया. इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई. करीब 50 लोग घायल हो गए. इस भगदड़ के बाद कर्नाटक सरकार, बेंगलुरु प्रशासन, BCCI, IPL प्रबंधन, RCB टीम मैनजमेंट सहित अन्य सभी ने गोलमटोल जवाब देते हुए एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ दिया. हर किसी ने भगदड़ पर दुख तो जताया लेकिन इन 11 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? ऐसा क्यों हुआ? इसका स्पष्ट जवाब देने को कोई तैयार नहीं है. 

जीत के जश्न की शुरुआत से लेकर भगदड़ तक और फिर भगदड़ के बाद से अभी तक NDTV लगातार हर एक घटना को आप तक पहुंचाता रहा. इस भगदड़ के बाद गुरुवार को NDTV टीम ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के साथ-साथ वहां के मेडिकल कमांड सेंटर का भी दौरा किया. जिसके बाद इस जानलेवा जश्न के कई जिम्मेदार गुनाहगार की भूमिका में नजर आए. 

1. बेंगलुरु स्थानीय प्रशासन

कही भी विधि-व्यवस्था में कोई व्यवधान आती है तो सबसे पहली जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होती है. इन नाते एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ के मामले में बेंगलुरु प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है. स्थानीय प्रशासन ने खिलाड़ियों और उनके परिवारों सहित VVIP की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया. स्टेडियम और उसके आस-पास पहुंचे लोगों के हुजूम को संभालने वालों की कमी थी.

2. RCB फ्रेंचाइजी और सरकार

सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने RCB फ्रेंचाइजी और सरकार को बुधवार को सम्मान समारोह आयोजित न करने की सलाह दी थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि यह रविवार को आयोजित किया जाए, लेकिन RCB के प्रबंधन ने कथित तौर पर तर्क दिया कि तब तक विदेशी खिलाड़ी चले जाएंगे और समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे. ऐसे में वर्किंग डे में जब शहर में भीड़ ज्यादा होती है, उसी दिन सम्मान समारोह आयोजित कर भीड़ और बढ़ा दिया गया.

3. मैच से भी कम थी मेडिकल फैसिलिटी

चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को लोगों की इतनी भीड़ थी, जितनी मैच के दौरान भी नहीं होती है. इसके बाद भी मेडिकल फैसिलिटी बहुत हल्की थी. आम तौर पर मैच के दिनों में स्टेडियम में दर्शकों के लिए कई तरह की व्यवस्था की जाती है, जिसमें पर्याप्त पुलिस और चिकित्सा कर्मचारियों की तैनाती भी शामिल है. वे आमतौर पर हर स्टैंड पर मौजूद रहते हैं ताकि ज़रूरत के समय किसी को भी सहायता प्रदान की जा सके.

लेकिन 4 जून को बेंगलुरु स्टेडियम में ग्राउंड स्टाफ़ और पुलिस अधिकारियों ने सुझाव दिया कि वहाँ पर्याप्त सहायक कर्मचारी नहीं थे.

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5. खून से सने रूमाल, खाली पड़ा मेडिकल कमांड सेंटर

NDTV ने स्टेडियम के मुख्य प्रवेश द्वार के पास स्थित मेडिकल कमांड सेंटर का भी दौरा किया. कल यह चालू नहीं था. जब घायल प्रशंसक पानी और प्राथमिक उपचार की तलाश में वहां पहुंचे तो यह खाली पड़ा था. हालांकि, कई सहायक कर्मचारियों के अनुसार कल वहां ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी.

मेडिकल रूम के अंदर खून से सना रूमाल समेत कई चीजें फर्श पर बिखरी हुई थीं, जिससे पता चलता है कि भगदड़ के दौरान यह संघर्ष का स्थल था.

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6. 35 हजार की क्षमता, लेकिन भीड़ तीन लाख से ज्यादा

यहां तक ​​कि स्टेडियम के बाहर भी पुलिस की मौजूदगी मैच के दिनों के बराबर नहीं थी. एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मैच के दिनों में करीब 35,000 लोगों के आने की उम्मीद है, जो इसकी अधिकतम क्षमता है. हालांकि, कल यह संख्या बहुत अधिक हो गई क्योंकि आरसीबी की पहली जीत राज्य में एक भावनात्मक मुद्दा बन गई थी. कई रिपोर्ट में दावा किया गया कि यहां कल तीन लाख से अधिक लोग थे.

7. विधान सौध और स्टेडियम, दो जगहों पर बंटे पुलिस जवान

मैदान पर पर्याप्त पुलिस बल की कमी का कारण विधान सौध में अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है, जहाँ कल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित कई VIP मौजूद थे. खिलाड़ी भी आधिकारिक सम्मान समारोह के लिए विधान सौध गए थे. इससे संभवतः पुलिस संसाधन विभाजित हो गए.

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8. फ्री एंट्री और पहले आओ पहले पाओ का नियम

4 जून को जब समारोह अंदर चल रहा था, तो बाहर अराजकता फैल गई. प्रवेश निःशुल्क होने के कारण, भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे स्टेडियम के गेट जाम हो गए. समारोह में शामिल होने के लिए बेताब हजारों लोगों ने अंदर घुसने की कोशिश की, जिससे भगदड़ मच गई.

9. आरोप-प्रत्यारोप का दौर, जिम्मेदारी से भागना भी बड़ा गुनाह

भगदड़ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है, जिसमें BCCI और IPL ने इस घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया है और RCB फ्रेंचाइजी को दोषी ठहराया है. विपक्षी BJP ने भी भगदड़ को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच के आदेश दिए हैं. उनके डिप्टी डीके शिवकुमार ने भी कार्यक्रम स्थल पर भीड़भाड़ के लिए माफी मांगी है.

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10. आम लोगों की भी जिम्मेदारी

भगदड़ चाहे कहीं भी मचे, लोगों की समझदारी दुर्घटना को टालने में अहम भूमिका निभाता है. जब सामने से बेकाबू भीड़ नजर आ रही हो तो भीड़ का हिस्सा बनने से बेहतर खुद को सुरक्षित स्थान पर रखना होता है. लेकिन इसके बाद भी लोग भीड़ के साथ चलते-चले जाते हैं. कुंभ मेले के दौरान भी ऐसा ही कुछ हुआ था. दिल्ली स्टेशन पर मची भगदड़ से भी यही सीख सामने आई थी.

11. अब चेतती दिख रही सरकार 

घटना के बाद स्टेडियम के अपने दौरे का जिक्र करते हुए डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैंने अभी देखा कि कितने द्वार थे, वहां कई समस्याएं थीं. मुझे लगता है कि जिलाधिकारी निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे. हम इस मामले में बहुत गंभीर हैं.'' उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पार्टी इसे लेकर बहुत चिंतित है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका समाधान खोजने की कोशिश करेंगे.'

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