कर्नाटक सरकार ने बनाया बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी दयानंद को 'विलेन,' तो सोशल मीडिया पर मिला जबरदस्‍त सपोर्ट

सोशल मीडिया पर हैशटैग पुलिस कमिश्‍नर बी दयानंद के सपोर्ट में एक बड़ा कैंपेन चलाया जा रहा है जो उनके लिए बड़ा समर्थन जुटा रहा है.

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बेंगलुरु:

कर्नाटक सरकार ने चार जून को बेंगलुरु के चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम में हुई भगदड़ के लिए बेंगलुरु के पुलिस कमिश्‍नर बी दयानंद को सस्‍पेंड कर दिया है. इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी. उनके सस्‍पेंशन के बाद अब उन्‍हें हर तरफ से भारी समर्थन मिल रहा है. पूर्व अधिकारी से लेकर राजनीतिक दल, नागरिक और ऑनलाइन कम्‍युनिटी मिलकर उनके सपोर्ट में उतर अआई है.

IPS एसोसिएशन ने उठाए सवाल  

बी दयानंद के सस्‍पेंशन के बाद इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) एसोसिएशन की तरफ से भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए गए हैं.  सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि उन्‍हें सस्‍पेंड करना एक गलत फैसला है. आरसीबी की  विक्ट्री परेड के दौरान हुए हादसों के बारे में जो जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है उससे ऐसा लगता है कि पुलिस को इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया है. सूत्रों का कहना है कि जो भी जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है उससे देखने पर ऐसा लगता है कि इस मामले में अपना चेहरा बचाने के लिए पुलिस को बलि का बकरा बनाया गया है. 

घटनाओं को अगर करीब से देखें तो पता चलता है कि सरकार में शीर्ष स्तर पर सभी को कार्यक्रम की जानकारी थी. लेकिन कहा जा रहा है कि पुलिस कमिश्‍नर ने सीनियर अधिकारियों से सलाह नहीं, सरासर गलत है. एसोसिएशन के सूत्रों की मानें तो ऐसा लगता है कि आरसीबी ऑर्गेनाइजर्स ने कानून का साफतौर पर उल्लंघन किया है. बिना किसी प्रभाव या राजनीतिक दबाव के उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए और दोषी पाए जाने वालों को दंडित किया जाना चाहिए. 

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सोशल मीडिया पर हैशटैग 

वहीं, सोशल मीडिया पर हैशटैग #IStandWithBDayanand चलाया जा रहा है जो पुलिस कमिश्‍नर के लिए बड़ा समर्थन जुटा रहा है. नागरिकों, पूर्व पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक दलों ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और इसे जल्दबाजी और अनुचित बताया है.  सूत्रों ने बताया कि शहर की पुलिस के अंदर भी बेचैनी थी. इस फैसले से निराश बेंगलुरु के पुलिसकर्मी विरोध के तौर पर अपनी बांह पर काली पट्टी बांधने पर विचार कर रहे थे. 

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दयानंद जो 5 जून तक बेंगलुरु शहर के पुलिस कमिश्‍नर के तौर पर अपने ऑफिस में थे. लेकिन 4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई जानलेवा भगदड़ में 11 लोगों की मौत के एक दिन बाद उन्‍हें सस्‍पेंड कर दिया गया. यह स्टेडियम, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) द्वारा रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) क्रिकेट टीम की खिताबी जीत के जश्‍न का वेन्‍यू था जिसमें असाधारण तौर पर भीड़ जुटी थी. सूत्रों की मानें तो कमिश्‍नर ने सरकार को सलाह दी थी कि लॉजिस्टिक्‍स से जुड़े दबाव कम करने के लिए कार्यक्रम को रविवार को आयोजित किया जाए लेकिन इस सुझाव को खारिज कर दिया गया. 

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ऑनलाइन पीटिशन भी शुरू 

एक ऑनलाइन पीटिशन भी शुरू कर दी गई है जिसमें सरकार से अपना निर्णय वापस लेने की मांग की जा रही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दयानंद की ईमानदारी और पेशेवर आचरण का बचाव करने वाले कई पोस्ट देखे गए. कई लोगों ने उन्हें सार्वजनिक सेवा में एक रोल मॉडल बताया. साथ ही उनके कार्यकाल के दौरान उनकी कार्यकुशलता और अनुशासन की सराहना की. बीजेपी और जनता दल (सेक्युलर) समेत राजनीतिक दलों ने भी इस पर अपनी राय रखी. 

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बीजेपी की कर्नाटक यूनिट ने एक्स पर लिखा, 'कर्नाटक के इतिहास में पहली बार, निर्दयी हत्यारे शीर्ष पुलिस अधिकारियों को दंडित कर रहे हैं.' जेडी(एस) ने सीधे डिप्‍टी सीएम डीके शिवकुमार पर निशाना साधा, आरोप लगाया कि भगदड़ के लिए वे जिम्मेदार हैं और उनके इस्तीफे की मांग की.  #ArrestDCM, #StepdownDCM और #ResignDCM समेत कई ट्रेंडिंग हैशटैग अब ऑनलाइन पॉलिटिकल डिस्‍कशन में बने हुए हैं. 

कौन हैं कमिश्‍नर बी दयानंद 

बी दयानंद 2020 से 2023  कर्नाटक में इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट के एडीजीपी रहे हैं.  इससे पहले, उन्होंने बेंगलुरु में सीआईडी ​​(आर्थिक अपराध) के एडीजीपी और सीआईडी ​​(आर्थिक अपराध) के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के तौर पर भी काम किया. दयानंद मैसूरु सिटी के पुलिस कमिश्‍नर, बेंगलुरु शहर के एडीजीपी (यातायात) और बेंगलुरु शहर के ज्‍वॉइन्‍ट पुलिस कमिश्‍नर भी रह चुके हैं. दयानंद के पास हावेरी जिले के रानेबेन्‍नूर से पब्लिक एडमिनिस्‍ट्रेशन में बीए की डिग्री है. 

वह साल 1994 में इंडियन पुलिस सर्विस में शामिल हुए थे. उन्हें कर्नाटक राज्य की जिम्‍मेदारी मिली और पिछले 26 सालों से वह कई पदों पर काम कर रहे हैं. उनके पास सांप्रदायिक दंगों से निपटने और सनसनीखेज अपराधों की जांच को पूरी करने का भी अनुभव है. साल 2003-04 में कोसोवो में संयुक्त राष्‍ट्र मिशन में नागरिक पुलिस अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए इंटरनेशनल पुलिसिंग का अनुभव हासिल किया. 

बी दयानंद को टेक लवर पुलिस ऑफिसर के तौर पर भी जाना जाता है. उन्‍हें साल 2005 में दक्षिण कन्‍नड़ जिले में एसपी के तौर पर काम करते हुए दुनिया के पहले पुलिस ब्लॉग को शुरू करने का श्रेय दिया जाता है. 

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