कोलकाता. पश्चिम बंगाल के स्कूलों में बतौर शिक्षक नियुक्त करने की मांग कर रहे करीब 100 उम्मीदवारों को अधिकारियों को पूर्व में जानकारी दिए बिना सड़क बाधित करने के आरोप में मंगलवार को हिरासत में ले लिया गया. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद उन्हें सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक पद पर भर्ती से वंचित किया जा रहा है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सड़क बाधित करने की घटना राज्य शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन के नजदीक करुणामयी चौराहे के पास हुई. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अचानक सड़क बाधित कर स्कूलों में तत्काल नियुक्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी.
उन्होंने बताया कि जब प्रदर्शनकारियों ने सड़क खाली करने के पुलिस के अनुरोध को नजर अंदाज कर दिया, तब उन्हें हिरासत में ले लिया गया. अधिकारी ने बताया,‘‘प्रदर्शनकारियों ने अपने विरोध प्रदर्शन की पूर्व में संबंधित अधिकारियों को जानकारी नहीं दी थी और दोपहर में सड़क को बाधित कर दिया. हमें जानकारी मिली थी कि उनकी योजना विकास भवन तक मार्च करने की थी. उन्हें हिरासत में लेकर पहले से ही खड़े वाहनों से थाना लाया गया और बाद में रिहा कर दिया गया.''
प्रदर्शन में शामिल पीयूष दास ने एक तख्ती ली थी जिसपर लिखा था, ‘‘नौकरी की न्यायपूर्ण मांग उठाने पर हमारा शारीरिक उत्पीड़न किया जा रहा है.'' इस बीच, गत सालों में परीक्षा उत्तीर्ण किए जाने के बाद नौकरी नहीं मिलने का दावा कर रहे करीब 100 एसएससी उम्मीदवारों का प्रदर्शन शहर के केंद्र में मायो रोड के किनारे मंगलवार को 594वें दिन भी जारी रहा.
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