कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में दोषी संजय रॉय प्रेसीडेंसी सुधार गृह में माली के तौर पर काम कर सकता है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. रॉय प्रेसीडेंसी सुधार गृह में बंद है.
धीरे-धीरे काम और जिम्मेदारी दी जाएगी
अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता पुलिस के पूर्व नागरिक स्वयंसेवक रॉय को बाद में सिलाई, बढ़ई या एल्यूमीनियम के बर्तन बनाने के काम सिखाया जा सकता है. प्रेसीडेंसी सुधार गृह के अधिकारी ने बताया कि अकुशल श्रमिक के तौर पर दोषी को 105 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी दी जाएगी.
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, “सुधार गृह में सभी कैदियों से कुछ न कुछ काम करवाया जाता है. संजय एक अकुशल व्यक्ति है. लेकिन हमें उसे ऐसे काम में लगाना है, जिसमें कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है. इसलिए, फिलहाल उसे बागवानी में लगाया जा सकता है. वह एक या दो दिन में काम शुरू कर देगा.” रॉय रसोई में भी काम कर सकता है.
उन्होंने बताया, “अगर वह खाना नहीं बना सकता है तो उसे खाना परोसने और बर्तन साफ करने के लिए कहा जाएगा. काम का आवंटन हर दिन सुबह या सप्ताह की शुरुआत में किया जाता है.”
उन्होंने बताया कि जैसा कि अन्य लोगों के साथ किया जाता है, सुधार गृह के अधिकारी एक ‘नोटबुक' रखेंगे, जिसमें उसकी गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि वेतन के रूप में वह जो पैसा कमाएगा, उसे राज्य सुधार गृह विभाग द्वारा बनाए गए खाते में डाल दिया जाएगा.
अकुशल श्रमिक को जहां 105 रुपये प्रतिदिन मजदूरी मिलती है, वहीं अर्ध-कुशल और कुशल कैदी को क्रमशः 120 रुपये और 135 रुपये प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है.