बंगाल: आमरण अनशन पर बैठे एक और चिकित्सक की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

चिकित्सकों की अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, खाली बिस्तर निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ‘ऑन-कॉल’ रूम आदि सुनिश्चित करने के लिए कार्यबल का गठन शामिल है.

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कोलकाता:

कोलकाता में सरकारी आरजी कर अस्पताल में दो माह पहले महिला चिकित्सक से कथित दुष्कर्म एवं उसकी हत्या की घटना को लेकर आमरण अनशन कर रहे एक और कनिष्ठ चिकित्सक की शनिवार शाम तबीयत बिगड़ जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. एक अधिकारी ने यह अधिकारी दी.

क्या है पूरा मामला?

  1. अधिकारी ने बताया कि उत्तर बंगाल चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के कनिष्ठ चिकित्सक अनुस्तुप मुखर्जी आमरण अनशन पर बैठे लोगों में शामिल हैं और वह ऐसे तीसरे चिकित्सक हैं जिन्हें तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
  2. एक चिकित्सक ने बताया कि अनशन स्थल पर उनके सहकर्मियों ने उनकी हालत को ‘‘गंभीर'' बताया जिसके बाद चिकित्सकों की एक टीम ने फैसला किया कि उनकी हालत को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए.उन्होंने बताया कि इसके बाद मुखर्जी को अस्पताल ले जाया गया. उन्हें इलाज के लिए कोलकाता के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां वह पढ़ाई करते हैं.
  3. अनशन स्थल पर मौजूद कनिष्ठ चिकित्सकों ने बताया कि उनके मल से खून निकल रहा था और उन्होंने पेट में काफी दर्द होने की शिकायत की थी.
  4. उन्होंने सरकार से उनकी मांगों पर विचार करने का आग्रह किया और कहा कि राज्य सरकार अनशनकारी चिकित्सकों की हालत बिगड़ने के लिए ‘‘जिम्मेदार'' है.
  5. इससे पहले दिन में, उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कनिष्ठ चिकित्सक आलोक वर्मा को भी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया. करीब तीन दिन पहले अनिकेत महतो को आर जी कर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
  6. कनिष्ठ चिकित्सकों ने पांच अक्टूबर को मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में अपना आमरण अनशन शुरू किया था.
  7. प्रदर्शनकारी चिकित्सक आर.जी. कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल की मृत महिला चिकित्सक के लिए न्याय और स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं.

चिकित्सकों की अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, खाली बिस्तर निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ‘ऑन-कॉल' रूम आदि सुनिश्चित करने के लिए कार्यबल का गठन शामिल है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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