बिहार के बेगूसराय जिले में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों की ओर से अलग अलग स्थानों पर की गई गोलीबारी के मामले में सभी चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. चार आरोपियों में सुमित, युवराज, केशव उर्फ नागा और अर्जुन अरेस्ट हुए हैं. सभी बेगूसराय के ही रहने वाले हैं. इस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी जबकि दस अन्य घायल हो गए थे. इससे पहले गोलीबारी के सिलसिले में गश्त में चूक के आरोप में सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने यहां पत्रकारों को बताया कि गश्त में लगे सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि वे अज्ञात बदमाशों को नहीं रोक सके, जिन्होंने कई स्थानों पर लोगों पर गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि पुलिस हमलावरों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है.
(आरोपी केशव)
बेगूसराय जिलान्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28 पर फुलवरिया, बछवाड़ा, तेघड़ा एवं चकिया थाना क्षेत्रों में मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने विभिन्न स्थानों पर गोलीबारी की, जिसमें बरौनी थाने के हाजीपुर के रहने वाले चन्दन कुमार (31) की मृत्यु हो गई थी जबकि 10 अन्य लोग घायल हो गये थे.
बेगूसराय पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सूत्रों ने ने बताया कि इस गोलीबारी को लेकर जीपीएस से सभी थाना और पुलिस चौकी के गश्त वाहन के लोकेशन का अवलोकन किया गया था. उन्होंने बताया कि इसमें पाया गया कि बछवाड़ा, तेघड़ा, फुलवड़िया और बरौनी थानों के अलावा जीरोमाईल पुलिस चौकी, एफसीआई पुलिस चौकी, एवं चकिया पुलिस चौकी के कर्मियों ने सुचारू तरीके से काम नहीं किया, जिससे आरोपी पकड़े नहीं गए.
उन्होंने बताया कि सुचारू ढंग से गश्त की गई होती तो अपराधी पकड़े जा सकते थे और यह स्पष्ट रूप से लापरवाही को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.
उन्होंने बताया कि इनमें फुलवड़िया थाने के आरक्षी निरीक्षक शशि भूषण सिंह, जीरोमाईल पुलिस चौकी के आरक्षी निरीक्षक मुकरू हेम्ब्रम, चकिया पुलिस चौकी के सहायक आरक्षी निरीक्षक विनोद प्रसाद, तेघड़ा थाना के सहायक आरक्षी निरीक्षक कृष्ण कूमार, एफसीआई पुलिस चौकी के रमेन्द्र कुमार यादव, बरौनी थाने के संजय कुमार एवं बछवाड़ा थाने के रामकिशोर सिंह शामिल हैं.
इस बीच बेगूसराय से सांसद तथा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार में जब भी महागठबंधन सरकार आती है तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने लगती है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब जंगल राज को जनता राज करार दिया है, जो हास्यास्पद है. वह (मुख्यमंत्री) राज्य में राजद नेताओं के दबाव में काम कर रहे हैं.''
(इनपुट्स भाषा से भी)