चुनाव के पहले एआईएडीएमके ने पलानीस्वामी की सीएम उम्मीदवारी पर मुहर लगाई, बीजेपी को झटका

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के सांसद और वरिष्ठ नेता मुनुसामी ने पिछले माह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी पार्टी सहायक की भूमिका में नहीं रहेगी. "राष्ट्रीय दलों की तमिलनाडु में कोई भूमिका नहीं है".

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एआईएडीएमके की महासभा की बैठक में पलानीस्वामी को कमान देने का निर्णय़ हुआ. (फाइल)
चेन्नई:

तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के कुछ माह पहले सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने पार्टी के संयोजक व उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम और संयुक्त संयोजक और मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी को चुनाव में गठबंधन का निर्णय करने और रणनीति तैयार करने के लिए अधिकृत कर दिया है. वहीं सहयोगी को कड़ा संदेश देते हुए प्रस्ताव में ई पलानीस्वामी (ईपीएस) को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी घोषित किया.

पलानीस्वामी बीजेपी के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर खामोश रहे हैं. जबकि केंद्रीय मंत्री अमित शाह के चेन्नई दौरे के दौरान गठबंधन जारी रखने का ऐलान हुआ था. दोनों दलों में दरारें साफ दिखाई दे रही हैं. बीजेपी ने भी गठबंधन को लेकर अपनी मुहर नहीं लगाई है, क्योंकि वह सत्ता में हिस्सेदारी चाह रही है.

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के सांसद और वरिष्ठ नेता मुनुसामी ने पिछले माह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी पार्टी सहायक की भूमिका में नहीं रहेगी. "राष्ट्रीय दलों की तमिलनाडु में कोई भूमिका नहीं है".एआईएडीएमके से निष्कासित और पूर्व मुख्मयंत्री जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला के बेंगलुरु जेल से बाहर आने पर प्रतिक्रिया में वहीं वरिष्ठ नेता मुनुसामी ने कहा है कि  विधानसभा चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा. जेल से बाहर आने पर उनकी हजारों परेशानियों से जूझना पड़ेगा.

एआईएडीएमके और बीजेपी गठबंधन को 2019 के लोकसभा चुनाव में करारा झटका लगा था. हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का प्रयास कर रही है. जबकि तमिलनाडु में हर बार चुनाव में सत्ता बदलने का लंबे समय तक इतिहास रहा है.

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