1985 से वही सिलसिलाः तब पिता और अब बेटा... कैसे ट्रूडो ने कनाडा को खालिस्तानियों का पनाहगाह बना दिया

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल कर उसके नागरिकों पर हमला करने तथा उन्हें अपनी ही धरती पर असुरक्षित महसूस कराने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसे भारत की ‘बहुत बड़ी गलती’ करार दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्‍ली:

साल 1985, कनिष्‍क विमान धमाके का आरोपी खालिस्‍तानी आतंकी तलविंदर सिंह परमार कनाडा में छिपा बैठा था. इस हमले में विमान में सवार 329 लोगों की मौत हो गई थी. भारत ने कनाडा से कहा कि वह तलविंदर सिंह को उसके हवाले कर दे, लेकिन कनाडा ने भारत की मांग ठुकरा दी और खालिस्‍तानी तलविंदर को पनाह दी. तब कनाडा के प्रधानमंत्री पियरे इलियट ट्रूडो थे. पियरे इलियट ट्रूडो कनाडा के मौजूदा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पिता हैं. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो इन दिनों अपने पिता पियरे इलियट ट्रूडो के नक्‍शेकदम पर ही चलते हुए नजर आ रहे हैं. 

क्‍यों खालिस्तानियों की पनाहगाह बन गया कनाडा 

कनाडा आज खालिस्तानियों की पनाहगाह बन गया है, तो इसके पीछे कहीं न कहीं पीएम जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो का भी हाथ है. पियरे ट्रूडो भी खालिस्‍तानियों को लेकर भारत की खिलाफत करते रहे. यही वजह है कि आज खालिस्‍तानी, कनाडा को अपने लिए सबसे सुरक्षित जगह मानते हैं. वे जानते हैं कि उनके लिए कनाडा का प्रधानमंत्री, भारत पर सीधे-सीधे आरोप तक लगा सकता है. दरअसल, कनाडा में राजनीति से लेकर व्‍यापार तक... लगभग सभी क्षेत्रों में खालिस्‍तानी अपनी दखल रखते हैं. ऐसे में खालिस्‍तानियों का प्रभाव कनाडा में बढ़ता जा रहा है.   

जस्टिन ट्रूडो में पिता ने जब खालिस्‍तानी आतंकी को दी थी 'पनाह'

23 जून 1985 को एयर इंडिया की एक फ्लाइट मॉन्ट्रियल से दिल्‍ली आ रही थी. इस विमान को एयरपोर्ट से उड़ान भरे लगभग आधा घंटा ही हुआ था कि इसमें धमाका हो गया. विमान में सवार सभी 329 लोगों की मौत हो गई. इस विमान धमाके का मास्‍टरमांइड खालिस्‍तानी आतंकी तलविंदर सिंह परमार था. वह 1981 में कनाडा गया था. भारत ने जब तत्‍कालीन कनाडा प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो से कहा कि वह तलविंदर को उन्‍हें सौंप दे, तो उन्‍होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं तलविंदर के मामले में कोई सहयोग करने से ही भारत सरकार को पियरे ट्रूडो ने मना कर दिया था. इस विमान हमले को लेकर ये बात भी सामने आई थी कि कनाडा सरकार अगर चाहती, तो इसे रोक सकती थी. कनाडा की खुफिया एजेंसी ने सरकार को सूचना दी थी कि खालिस्‍तानी विमान में धमाका कर सकते हैं. ये बात तत्‍कालीन भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्‍णा ने संसद में बताया था.    

Advertisement

इंदिरा गांधी की हत्‍या पर कनाडा में खालिस्‍तानियों का जश्‍न, लेकिन...

भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जब 1984 में हत्‍या हुई थी, तब खालिस्‍तानी आतंकियों ने कनाडा में एक परेड निकाली थी. इस पर भारत ने कनाडा सरकार के सामने अपनी आपत्ति जाहिर की थी. भारत ने कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए था और जिन्‍होंने ये किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन तक भी कनाडा के प्रधानमंत्री ने परेड निकालने वाले खलिस्‍तानियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया था और चुप्‍पी साध ली थी. 

Advertisement

भारत के परमाणु परीक्षण पर भी कनाडा ने उठाए थे सवाल

वैसे, भारत और कनाडा के बीच तनाव साल 1974 में शुरू हुआ था, जब भारत के परमाणु परीक्षणों की ओर कदम बढ़ाने शुरू किये थे. जब तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की सरकार ने परीक्षणों पर नाराजगी जाहिर करते हुए, भारत के साथ दूरियां बढ़ा ली थी. ये तनाव 1998 में और बढ़ गया, जब भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया. कनाडा ने भारत के परीक्षण को एक विश्वासघात के रूप में लिया. कनाडा के नीति निर्माताओं का मानना था कि भारत की परमाणु क्षमताएं गैर-परमाणु देशों को भी इसी तरह की कोशिशों के लिए प्रेरित करेंगी. संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा ने सस्ती परमाणु ऊर्जा और कनाडाई-भारतीय रिएक्टर, यूएस या सीआईआरयूएस परमाणु रिएक्टर के लिए भारत के नागरिक परमाणु कार्यक्रम पर सहयोग किया. CIRUS रिएक्टर जुलाई 1960 में चालू किया गया था, जो होमी जहांगीर भाभा के नेतृत्व में कनाडाई सहयोग से बनाया गया था. तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो ने कहा था कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और यदि भारत ने परमाणु परीक्षण किया, तो कनाडा अपने परमाणु सहयोग को निलंबित कर देगा.

Advertisement

भारत ने सोमवार को कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया तथा कनाडा से अपने उच्चायुक्त और ‘निशाना बनाए जा रहे' अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की. अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच से भारतीय राजनयिकों को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने यह कार्रवाई की है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra और Jharkhand Assembly Elections से पहले नेताओं ने जताया आत्मविश्वास
Topics mentioned in this article