प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किसानों के लिए 2 बड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की. 'प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना' और 'दलहन आत्मनिर्भता मिशन' को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये दो योजनाएं भारत के किसानों का भाग्य बदलने का काम करेंगी. उन्होंने बताया कि इन योजनाओं पर सरकार करीब 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने वाली है. शनिवार को प्रधानमंत्री की इस घोषणा ने पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त का इंतजार कर रहे किसानों समेत देश के लाखों किसानों को सुकून पहुंचाया!
उन्होंने किसानों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेती और किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा रही है. यह बेहद जरूरी बदलते समय के साथ खेती और किसान को सरकार का सहयोग मिलता रहे.
'किसानों के लिए हुए कई बड़े रिफॉर्म'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'बीज से लेकर बाजार तक अनगिनत सुधार किए गए. जिसके परिणामस्वरूप आज दूध उत्पादन में भारत नंबर एक पर है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है. भारत में शहद उत्पादन 2014 की तुलना में दोगुना हो गया है. देश में 6 बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्रियां बनाई गई हैं. 25 करोड़ से ज्यादा सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए गए हैं. 100 लाख हेक्टेयर में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा पहुंची है. पीएम फसल बीमा योजना से करीब 2 लाख करोड़ रुपए क्लेम के रूप में किसानों को मिले हैं. बीते 11 वर्षों में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पाद संघ एफपीओ बने.'
किसानों-मछुआरों से बातचीत का अनुभव साझा किया
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में आने से पहले उनकी अनेक किसानों और मछुआरों से बात हुई. उन्हें कृषि क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं के अनुभव सुनने का अवसर मिला. पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी अनेक उपलब्धियां हैं जो देश के किसानों ने बीते 11 वर्षों में अनुभव की हैं.
आकांक्षी जिलों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि जब वंचितों को वरीयता और पिछड़ों को प्राथमिकता मिलती है तो उसके नतीजे भी बहुत अच्छे मिलते हैं. आज आकांक्षी जिलों में माता मृत्यु दर घटी है. बच्चों का स्वास्थ्य और पढ़ाई का स्तर सुधरा है. ये जिले अब कई पैरामीटर्स को लेकर दूसरे जिलों से बेहतर कर रहे हैं.