- बरेली में हुए दंगों के बाद पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार कर 2000 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है
- घटना स्थल के चार इलाकों के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर 200 से अधिक वीडियो फुटेज की समीक्षा की जा रही है
- हिंसा में 17 पुलिसकर्मी और 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं, तथा पांच थानों में 11 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं
उत्तर प्रदेश के बरेली में हुए बवाल के बाद पुलिस फुल एक्शन मोड में है. पुलिस ने इस विवाद को लेकर मौलाना तौकीर रजा समेत कुल आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. तौकीर रजा को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस ने तीन दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है. इसके अलावा 2,000 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया है. बरेली के अलग-अलग 5 थानों में 11 FIR दर्ज की गई है. चार इलाक़ों के CCTV को भी खंगाला जा रहा है. इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के सुप्रीमो तौकीर रजा पर भी केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है. वो पहले हिरासत में थे. इस बवाल में 17 पुलिस के लोग और 40 से ज्यादा लोग घायल हैं. पुलिस ने इस मामले में अभी तक 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की जांच की है. इन फुटेज की जांच के आधार पर ही इस घटना में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.
कई जगहों पर दिखा था तनाव
बरेली हिंसा को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. IG के मुताबिक, शहर में 3–4 जगहों पर एक साथ हंगामा हुआ, जिसमें उपद्रवियों ने फायरिंग और पथराव किया. इस दौरान हुई झड़पों में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. शुक्रवार को बरेली के अलावा मऊ, सहारनपुर और लखनऊ में भी विवाद भड़काने की कोशिश की गई. अब पुलिस ऐसे लोगों पर सख्त रुख अपनाने जा रही है.
ऐसे हुआ था बवाल
पुलिस की जांच में पता चला है कि मौलाना तौकीर रजा ने इस्लामिया इंटर कॉलेज में जाकर ग्यारह देने की बात कही.
लेकिन उनको बताया गया था कि लिखित अनुमति के बिना कोई कार्यक्रम नहीं किया जाए.तीन दिन पहले उनके सहयोगी नदीम हमसे मिले थे उनको सारी बातें बताई गई थी. लेकिन एक दिन बाद मौलाना तौकीर रजा ज़िलाधिकारी कार्यालय आए. उनको सबकुछ बताया गया कि मामला भड़क सकता है. फिर मौलाना तौकीर ने कहा हम सोच कर बताएंगे,प्रशासन को बताया गया कि वो मार्च नहीं करेंगे . लेकिन कुछ देर बात मौलाना तौकीर का खंडन आ गया. फिर वीडियो जारी करके तौकीर ने कहा कि लेटर फेंक है हमारा प्रदर्शन होगा. लेकिन अचानक जुमे की नमाज़ के बाद बहुत से लोग चले गए .
मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने फ़्लैग मार्च भी किया, सबसे अपील भी की थी. सभी ने सहयोगी भी किया. नब्बे फ़ीसदी लोग चले भी गए थे. लेकिन फिर कुछ लोग आ गए और इस्लामिया ग्राउंड जाने की कोशिश की. माहौल ख़राब करने की कोशिश की तब पुलिस ने बल प्रयोग किया.
लोगों को व्हाट्सएप के जरिए बुलाया गया
बरेली हिंसा को लेकर पुलिस की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं. पुलिस के अनुसार लोगों की भीड़ को एक जगह पर इकट्ठा करने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया गया था. इसके लिए कई ग्रुप बनाए जाने की भी बात सामने आ रही है. हालांकि, पुलिस फिलहाल इसकी जांच कर रही है. ये भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर इन ग्रुप्स को किसने बनाया था.
वो भूल गया यूपी में किसकी सत्ता है
सीएम योगी मौलाना तौकीर रजा के एक बयान को लेकर कहा कि कल बरेली में एक मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है. उसे लगा कि वो जब चाहे व्यवस्था को रोक सकता है, लेकिन हमने साफ़ कर दिया कि न तो नाकाबंदी होगी और न ही कर्फ्यू लगेगा. हमने जो सबक सिखाया है, उससे आने वाली पीढ़ियां दंगा करने से पहले दो बार सोचेंगी. व्यवस्था को रोकने का ये कैसा तरीका है? 2017 से पहले यूपी में यही चलन था, लेकिन 2017 के बाद हमने कर्फ्यू तक नहीं लगने दिया. उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी यहीं से शुरू होती है. उन्होंने आगे कहा कि वो मानता था कि धमकी देंगे और जाम कर देंगे. हमने कहा कि ना कहीं जाम लगेगा और ना ही कहीं कर्फ्यू लगेगा. हमनें दंगाइयों को भी सबक सिखाया है.