एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के नाम पर बार लाइसेंस : नवाब मलिक का दावा

मलिक ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन के निदेशक के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी नौकरी में होने के बावजूद वानखेड़े के पास बार चलाने करने का लाइसेंस है जो सेवा नियमों के खिलाफ है.

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महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (फाइल फोटो)
मुंबई:

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने शुक्रवार को एक बार फिर एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर निशाना साधा और दावा किया कि वानखेड़े के पास नवी मुंबई के वाशी में एक रेस्तरां और बार है जिसके लिए 1997 में लाइसेंस प्राप्त किया गया था जब वह नाबालिग थे. मलिक ने इसे अवैध करार दिया. मलिक ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन के निदेशक के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी नौकरी में होने के बावजूद वानखेड़े के पास बार चलाने करने का लाइसेंस है जो सेवा नियमों के खिलाफ है. हालांकि, वानखेड़े ने मलिक के दावों को खारिज करते हुए कहा कि वह मंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे.

मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘समीर के पिता राज्य के आबकारी विभाग में कार्यरत थे और उन्होंने समीर के नाम पर रेस्तारां और बार चलाने का लाइसेंस हासिल किया था. उस समय उनकी उम्र 17 साल और 10 महीने थी. ऐसे व्यक्ति को कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाता जिसने 18 साल की उम्र पूरी नहीं की हो... इसके बाद भी उनके पिता ने 1997-98 में लाइसेंस लेने में कामयाबी हासिल की. ​​हर बार वानखेड़े के नाम पर लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाता है." राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रवक्ता ने कहा कि समीर द्वारा ‘आउटलेट' के मूल्यांकन के बारे में सरकार को दी गयी जानकारी कुछ संदेहास्पद है. उन्होंने कहा, “2017 में, एक सरकारी कर्मचारी के रूप में समीर वानखेड़े ने नियमों के तहत अपनी संपत्ति घोषित की थी जिसमें उन्होंने संपत्ति के रूप में बार का उल्लेख किया था.''

मलिक ने कहा, "एक दशक से अधिक समय तक, इसका मूल्यांकन एक करोड़ रुपये के साथ ही वार्षिक किराए के रूप में दो लाख रुपये की आय दिखायी गयी. 2020 में भी, समीर वानखेड़े ने दावा किया कि बार का मूल्यांकन एक करोड़ रुपये और वार्षिक किराया दो लाख रुपये है. इसका मतलब है कि इसमें कुछ संदिग्ध है." राकांपा नेता ने वानखेड़े पर शराब लाइसेंस रखने की जानकारी केंद्र सरकार से छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि सेवा नियमों का उल्लंघन करने पर एनसीबी अधिकारी की नौकरी चली जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘समीर वानखेड़े की नौकरी निश्चित रूप से जा रही है क्योंकि सरकारी नौकरी में होने के बावजूद उनका व्यवसाय चल रहा है. सरकारी नौकरी पाने के लिए उन्होंने पहले ही जाति प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा किया है. केंद्र सरकार को उनका समर्थन बंद कर देना चाहिए.''

संपर्क किए जाने पर एनसीबी अधिकारी ने मलिक के दावों को खारिज कर दिया. वानखेड़े ने कहा, ‘‘मंत्री ने गलत आरोप लगाए हैं. जिस प्रतिष्ठान का मैं मालिक हूं, वह बार नहीं बल्कि एक पारिवारिक रेस्तरां और बार है. उन्होंने जो कुछ भी कहा है, वह गलत है. उन्होंने जो फोटो साझा किया है, वह मेरे रेस्तरां का नहीं है और मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने जा रहा हूं.'' उन्होंने कहा, "मेरी मां ने उस रेस्तरां को खरीदा था और मैं उसमें भागीदार था. मैं उसमें पढ़ता था और वहां प्रबंधक के रूप में भी काम करता था. सिविल सेवा में आने के बाद, मेरे पिता भागीदार बन गए और मैंने इस बारे में सरकार से की गयी अपनी सभी घोषणाओं में जिक्र किया है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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