सरकारी बैंकों (Public Banks) ने कर्मचारी संगठनों (employee unions) से दो दिन की बैंक हड़ताल (Bank Strike) वापस लेने की गुहार लगाई है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई समेत सरकारी बैंकों ने यूनियनों से दो दिन की हड़ताल पर जाने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है. बैंकों ने यूनियनों को बातचीत के लिए बुलाया है. हालांकि स्टेट बैंक (SBI) ने हड़ताल को देखते हुए ग्राहकों से अपने जरूरी कामकाज निपटा लेने की सलाह दी है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के तहत बैंक यूनियनों ने 2021-22 के बजट में सरकारी बैंकों के निजीकरण (Banks Privatization) के खिलाफ 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल का आह्वान किया है.
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बजट में सरकार ने दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करने का ऐलान किया है. एसबीआई ने एक ट्वीट में अपने स्टॉफ से पुनर्विचार करने और हड़ताल में हिस्सा लेने से बचने का आग्रह किया है. एसबीआई ने यह भी कहा है कि मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए हड़ताल की वजह से ग्राहकों को बहुत परेशानी होगी.
एसबीआई ने कहा है कि वो 16 और 17 दिसंबर को अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा. हालांकि आशंका है कि सेवाएं बाधित रहें या आंशिक तौर पर ही उपलब्ध रहें. स्टेट बैंक ने ग्राहकों से पहले ही अपने जरूरी लेनदेन निपटा लेने को कहा है. साथ ही भुगतान या किसी भी प्रकार के बैंकिंग कामकाज के लिए डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करने को कहा है.
केनरा बैंक ने कहा है कि बैंक ने तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए 14 दिसंबर को सभी पक्षों के साथ बैठक बुलाई है. इंडियन बैंक ने कहा है कि ग्राहकों को बिना रुकावट सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए हमने प्रमुख संगठनों / यूनियनों के नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. उनसे 16 और 17 दिसंबर, 2021 को प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की अपील की है.
यूको बैंक ने भी अपनी यूनियनों से ग्राहकों के हित में देशव्यापी बैंक हड़ताल को वापस लेने का अनुरोध किया है. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने कर्मचारी संगठनों से कहा है कि वे अपने सदस्यों को बैंक के समग्र विकास के लिए अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने को अधिकतम प्रयास करने की सलाह दें.