Bangladesh Interim Govt बांग्लादेश को इस समय कौन चला रहा है...? नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने भले ही अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में सत्ता अपने हाथों में ली है, लेकिन सभी शक्तियां उनके हाथों में नजर नहीं आ रहीं. हालांकि, यूनुस ने खुद को जो 27 मंत्रालय सौंपे हैं उनमें रक्षा, सूचना, शिक्षा, ऊर्जा, खाद्य और जल संसाधन शामिल हैं. लेकिन इसके बावजूद बांग्लादेश सरकार में कई पावरफुल चेहरे नजर आ रहे हैं. अंतरिम सरकार में प्रमुख चेहरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश सरकार का आने वाले दिनों में फोकस क्या होगा. आइए आपको बांग्लादेश की यूनुस 'सरकार' के 4 सबसे पावरफुल लोगों से मिलवाते हैं.
बांग्लादेश में भारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने बीते बृहस्पतिवार को देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में बागडोर अपने हाथों में ले ली. शपथ ग्रहण करने के बाद यूनुस ने ‘बड़े देशों' के साथ ढाका के संबंधों में ‘संतुलन' बनाये रखने की आवश्यकता पर जोर दिया.
कट्टरपंथी एएफएम खालिद हुसैन
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन हेफ़ाज़त-ए-इस्लाम के पूर्व उपाध्यक्ष और इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन को धार्मिक मामलों के मंत्रालय के प्रमुख के रूप में "सलाहकारों की परिषद" में शामिल किया गया है. अंतरिम सरकार में उनका शामिल होना हैरान करने वाला है. खालिद हुसैन इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी चटगांव में कुरान और इस्लामी स्टडीज़ के प्रोफेसर हैं. बताया जाता है कि बांग्लादेश के हिंसक विरोध प्रदर्शन में उनका भी बड़ा हाथ रहा है. खालिद हुसैन हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश के नायब-ए-अमीर और इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के सलाहकार हैं. इन्हें मास्टरमांइड भी माना जा सकता है, इसलिए ये अंतरिम सरकार में काफी ताकतवर हैं.
एम तौहीद हुसैन की बेहद अहम है जिम्मेदारी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने बड़े देशों के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए पूर्व विदेश सचिव एम तौहीद हुसैन को विदेश मंत्रालय का प्रमुख नियुक्त किया है, जबकि यूनुस खुद दो दर्जन से अधिक मंत्रालयों और विभागों का नेतृत्व करेंगे. तौहीद हुसैन, बांग्लादेश सरकार में उप उच्चायुक्त, विदेश सचिव और उच्चायुक्त के रूप में काम कर चुके हैं. 1981 में बांग्लादेश विदेश सेवा में शामिल हुए तौहीद हुसैन को साल 2012 में दक्षिण अफ्रीका में बांग्लादेश का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था. इससे पहले वह विदेश विभाग में ही विभिन्न पदों पर रहे. ऐसे में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में उनका अहम रोल रहने वाला है. तौहीद हुसैन 2001 से 2005 तक कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त थे, ऐसे में वह भारत और बांग्लादेश के बीच एक अहम कड़ी साबित हो सकते हैं.
रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में कट्टरपंथी ज्यादा नजर आ रहे हैं. रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन को भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में अहम भूमिका दी गई है. साल 2007 से 2012 तक देश के चुनाव आयुक्त के रूप में भी काम कर चुके रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन को गृह मंत्रालय सौंपा गया है.
आसिफ नजरूल, प्रदर्शनकारी छात्रों को किया था गाइड
लॉ प्रोफेसर आसिफ नजरूल ने विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों को गाइड किया था. वे अपदस्थ शेख हसीना सरकार के खिलाफ बेहद मुखर थे, उन्हें अब इसका इनाम मिला है. उन्हें देश का कानून मंत्रालय सौंपा गया है. अब देखने है कि वह अंतरिम सरकार को मानवाधिकार उल्लंघन और हाल की हत्याओं के संबंध में क्या कदम उठाएंगे, क्योंकि उनके हाथों में काफी पावर है?
इसे भी पढ़ें :- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के बीच यूनुस ने कट्टरपंथी को बना दिया धार्मिक मामलों का मंत्री, जानें कौन है खालिद हुसैन