पाकिस्तान का एयरस्पेस बंद होने से एयर इंडिया को हो रहा है करोड़ों का नुकसान

पश्चिम की ओर जाने वाली एयर इंडिया की उड़ानें अब पाकिस्तान के वायुक्षेत्र से होकर नहीं जा सकतीं, और उन्हें यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका जाने के लिए दक्षिण की ओर होकर, यानी गुजरात के ऊपर से होते हुए अरब सागर पार कर जाना पड़ता है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
प्रशांत महासागर के ऊपर से होकर दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को जाने वाली उड़ान इससे प्रभावित नहीं हुई है.
नई दिल्ली:

पाकिस्तान (Pakistan) के बालाकोट में आतंकवादी गुट जैश-ए-मोहम्मद के कैम्प पर भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा किए गए हमले के अगले दिन, यानी 27 फरवरी, से पाकिस्तानी वायुक्षेत्र का इस्तेमाल प्रतिबंधित हो जाना राष्ट्रीय हवाई कंपनी एयर इंडिया को बहुत महंगा पड़ रहा है. अब उड़ानें लम्बी हो गई हैं, क्योंकि उन्हें किसी न किसी जगह रुककर जाना पड़ता है, इसीलिए एयरलाइन अब तक 60 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च कर चुकी है. यह रकम दिनोंदिन बढ़ती जा रही है - और यह वित्तीय संकट से जूझ रही और सरकारी बेलआउट पैकेज के सहारे चल रही एयरलाइन के लिए बेहद बुरी ख़बर है.

पश्चिम की ओर जाने वाली एयर इंडिया की उड़ानें अब पाकिस्तान के वायुक्षेत्र से होकर नहीं जा सकतीं, और उन्हें यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका जाने के लिए दक्षिण की ओर होकर, यानी गुजरात के ऊपर से होते हुए अरब सागर पार कर जाना पड़ता है. एयर इंडिया के लिए सबसे ज़्यादा दिक्कत पैदा करने वाली उड़ानें अमेरिका के पूर्वी तट - वाशिंगटन, न्यूयार्क, नेवार्क तथा शिकागो - जाने वाली उड़ानें हैं.

आतंकवाद पर चीन का बदला सुर, 2008 के मुंबई हमले को माना 'सबसे भयावह' आतंकी हमला

ये उड़ानें अब नॉन-स्टॉप नहीं जा सकतीं और इन्हें शारजाह या विएना में ईंधन भरवाने के लिए रुकना पड़ता है. ईंधन के लिए हर बार रुकने पर, जो आते और जाते - दोनों वक्त अनिवार्य हो जाता है, एयरलाइन को औसतन लगभग 50 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसके अलावा एयरलाइन को क्रू तथा इंजीनियरों को विएना में भी तैनात रखना पड़ता है, इसलिए 16 मार्च तक एयर इंडिया लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.

Advertisement

हालांकि प्रशांत महासागर के ऊपर से होकर दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को जाने वाली उड़ान इससे प्रभावित नहीं हुई है.

जब पाकिस्तान से बढ़ा था तनाव, भारत ने परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी कर दी थी तैनात...  

Advertisement

हर उड़ान के साथ बढ़ते जा रहे घाटे की वजह से एयर इंडिया ने विएना में रुकना सिर्फ दो उड़ानों के लिए तय किया है, जबकि शेष सभी उड़ानों में मुंबई में ही दोबारा ईंधन भरा जा रहा है. लेकिन यह भी दिक्कत वाला काम है, क्योंकि उत्तरी अमेरिका की ओर जाने वाली उड़ानों में मुंबई में ईंधन भरा जाना भी काफी महंगा पड़ता है. दरअसल, हर विमान में यात्रियों की संख्या पर पाबंदियां लगाई गई हैं. यदि कोई विमान कम यात्री लेकर आता है, तो उसकी कमाई भी कम होती है, और ऐसा हर सेक्टर में होता है.

Advertisement

पाकिस्‍तान स्थित आतं‍की समूहों को सेना प्रमुख बिपिन रावत की चेतावनी, कहा - जरूरत पड़ी तो फिर कार्रवाई करेंगे

Advertisement

उधर, यात्रियों के लिए सबसे बड़ी चिंता उड़ान में लगने वाला वक्त है. बहुत ज़्यादा लम्बी उड़ानें, जब से एयर इंडिया ने बोइंग 777-300ईआर तथा बोइंग 777-200एलआर विमानों को फ्लीट में शामिल किया, अब पहले के मुकाबले लगभग चार घंटे ज़्यादा वक्त लेने लगी हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि अमेरिका जाने वाली उड़ानें अब पुनः ईंधन भरे जाने का वक्त मिलाकर 18 घंटे से भी ज़्यादा समय लेंगी.

एयर इंडिया की यूरोप जाने वाली बोइंग 787-800 'ड्रीमलाइनर' सेवा पर भी पाकिस्तानी वायुक्षेत्र बंद हो जाने से खासा असर पड़ा है. एयरलाइन ने बर्मिंघम तथा मैड्रिड जाने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया है, क्योंकि इसके लिए उन्हें एक अतिरिक्त पायलट तैनात करना पड़ता है. यूरोप में किसी भी गंतव्य पर जाने वाली हर उड़ान को इस वक्त लगभग दो घंटे ज़्यादा लग रहे हैं.

भारत ने म्यांमार की सीमा पर किया बड़ा ऑपरेशन, चीन समर्थित 10 उग्रवादी कैंपों को किया तबाह

VIDEO- बालाकोट हमले के बाद पाक कर रहा जासूसी की कोशिश

 

Featured Video Of The Day
India-Pakistan Tension: 12 May को होने वाली भारत-पाकिस्तान DGMO मुलाकात में किन मुद्दों पर होगी बात?
Topics mentioned in this article