दिल्ली दंगों के आरोपी खालिद सैफी को जमानत, कड़कड़डूमा कोर्ट ने सबूतों को दुरुस्त नहीं माना

ख़ालिद सैफी को ज़मानत देते हुए कोर्ट ने कहा, “इस केस में नाकाफ़ी सुबूतों के आधार पर आरोपी को चार्जशीट करने में पुलिस ने अपना दिमाग नहीं लगाया जो दिखाता है कि पुलिस ने बदले की भावना के तहत कार्यवाही की है”

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ख़ालिद को अभी एक अन्य FIR 59 (UAPA) के कारण जेल में ही रहना होगा.
नई दिल्ली:

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दंगों के आरोपी खालिद सैफी (Khalid Saifi) को जमानत दे दी है. कोर्ट ने सबूतों को दुरुस्त नहीं मानते हुए सैफी को जमानत दी है. संगठन यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ख़ालिद सैफ़ी को दिल्ली दंगों (Delhi Riots) की साजिश के एक मामले (FIR 101) में यह जमानत दी गई है. सैफी को कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों को साजिश के मामले में दुरुस्त न मानते हुए यह आदेश दिया. हालांकि सैफी को अभी जेल में ही रहना होगा.

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कड़कड़डूमा कोर्ट ने इस मामले में पुलिस पर कड़ी टिप्पणियां कीं. ख़ालिद सैफी को ज़मानत देते हुए कोर्ट ने कहा, “इस केस में नाकाफ़ी सुबूतों के आधार पर आरोपी को चार्जशीट करने में पुलिस ने अपना दिमाग नहीं लगाया जो दिखाता है कि पुलिस ने बदले की भावना के तहत कार्यवाही की है” अदालत ने सिर्फ एक गवाह के बयान की बुनियाद पर दिल्ली दंगों की साजिश के सबूत के तौर पर मानने से इनकार कर दिया.

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मामले में एक गवाह ने बयान दिया था, मुख्य साजिशकर्ता मुलजिम ताहिर हुसैन को जामिया नगर में एक जगह ड्रॉप किया और उसी बिल्डिंग में खालिद सैफी और उमर खालिद को भी जाते हुए देखा था. कोर्ट ने 27 सितंबर को दिए गए बयान को भी काफी नहीं माना. एडिशनल सेशन जज विनोद यादव ख़ालिद को 20,000 के बांड पर जमानत दे दी. ख़ालिद को अभी FIR 59 (UAPA) में जेल में ही रहना होगा.

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