बसपा प्रमुख मायावती के सम्मान में आगे आए सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बीजेपी से की यह मांग

बीजेपी विधायक राजेश चौधरी ने एक टीवी डिबेट के दौरान बसपा प्रमुख मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. इसका विरोध करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी विधायक पर कार्रवाई की मांग की है. इसके लिए मायावती ने उनका आभार जताया है.

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नई दिल्ली:

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती आज समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से खुश नजर आ रही हैं. उन्होंने उनका आभार तक जता दिया है. मायावती की यह आभार बीजेपी के एक विधायक की टिप्पणी के बाद आया है. इस विधायक ने एक टीवी चैनल पर हुई चर्चा के दौरान मायावती को उत्तर प्रदेश का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री बताया था. उनका कहना था कि मायावती को मुख्यमंत्री बनवाना बीजेपी की गलती थी. बीजेपी के इस विधायक की अखिलेश ने आलोचना की थी. वहीं मायावती ने कहा है कि बीजेपी अपने इस विधायक का दिमागी इलाज कराए. 

बीजेपी विधायक ने मायावती के बारे में कहा क्या है

बसपा प्रमुख मायावती पर विवादित टिप्पणी मथुरा जिले की मांट विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश चौधरी ने की है. एक टीवी चैनल पर हुई चर्चा के दौरान चौधरी कहते हैं, ''मायावती जी चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है और पहली बार हमने (बीजेपी) ही (उन्हें मुख्यमंत्री) बनाया था.यह गलती हमने ही की थी.'' वह यह भी कहते हैं,''उत्तर प्रदेश में यदि कोई सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हुआ है तो उनका नाम है मायावती.'' 

अखिलेश यादव ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा कि सार्वजनिक रूप से दिए गए इस वक्तव्य के लिए विधायक पर मानहानि का मुकदमा होना चाहिए.

मायावती ने अखिलेश यादव का कैसे जताया आभार

सपा प्रमुख के इस ट्वीट के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव का आभार जताया. मायावती ने एक्स पर लिखा, ''सपा मुखिया ने मथुरा जिले के एक भाजपा विधायक को उनके गलत आरोपों का जवाब देकर बसपा प्रमुख के ईमानदार होने के बारे में सच्चाई को माना है. उसके लिए पार्टी आभारी है. 

उन्होंने लिखा है,''पार्टी को भाजपा के इस विधायक के बारे में ऐसा लगता है कि उनकी अब भाजपा में कोई पूछ नहीं रही है. इसलिए वह बसपा प्रमुख के बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी करके सुर्खियों में आना चाहते हैं, जो अति-दुर्भाग्यपूर्ण है.'' 

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उन्होंने लिखा है,''जबकि भाजपा को चाहिए कि वह उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे और यदि वह दिमागी तौर पर बीमार हैं तो उनका इलाज भी जरूर कराए,वरना इसके पीछे भाजपा का कोई षड्यंत्र ही नजर आता है, यह कहना भी गलत नहीं होगा.'' 

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मायावती ने कहा है,''यदि भाजपा अपने विधायक के विरुद्ध कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो फिर इसका जवाब पार्टी के लोग अगले विधानसभा चुनाव में उनकी जमानत जब्त करा कर तथा वर्तमान में होने वाले 10 उपचुनावों में भी इस पार्टी को जरूर देंगे."

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया बीजेपी विधायक की टिप्पणी का विरोध

इससे पहले अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा था,''उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक द्वारा राज्य की एक पूर्व महिला मुख्यमंत्री जी (मायावती) के प्रति कहे गए अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपा नेताओं के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से संबंध रखने वालों के प्रति कितनी कटुता भरी है.'' 

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उन्होंने लिखा,''राजनीतिक मतभेद अपनी जगह होते हैं, लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है.भाजपा नेता कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, यह भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना भी बेहद आपत्तिजनक है कि वह सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं.'' 

सपा प्रमुख ने मांग की है कि सार्वजनिक रूप से दिए गए इस बयान के लिए भाजपा के विधायक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है. अगर ऐसे लोगों के खिलाफ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए कि ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी भाजपा का विचार है. घोर निंदनीय! 

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