बाबा रामदेव ने शुक्रवार को कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा का ऐलान किया, और दवा के रिसर्च पेपर की बुक लॉन्च की. ऐलान के वक्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन तथा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उनके साथ मौजूद थे. बाबा रामदेव ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि आयुर्वेद के बारे में रिसर्च को लेकर लोगों में शंकाएं बनी रहती हैं, लेकिन हमने शंका के सभी बादलों को छांटकर रिसर्च और एविडेंस के आधार पर ही दवा तैयार की है.
- आज ऐतिहासिक दिन है, छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती है
- एविडेंस और रिसर्च के आधार पर हमने कोरोना की दवाई बनाई है.
- मॉडर्न मेडिकल साइंस के नियम फॉलो किए हैं, रिसर्च पेपर पब्लिश भी हो चुके हैं, और कुछ पाइपलाइन में भी हैं.
- जब हमने पहले लॉन्च किया था, तो सवाल उठाए गए थे.
- अब शक के बादल हमने छांट दिए हैं, और रिसर्च के साथ सामने आए हैं.
- दरअसल, आयुर्वेद के बारे में लोगों को रिसर्च को लेकर शंका बनी रहती है.
- बाबा रामदेव, नितिन गडकरी और डॉ हर्ष वर्धन ने कोरोना के लिए बनी दवाई के रिसर्च पेपर की बुक लांच की.
नितिन गडकरी ने कहा कि मुझे खुशी है कि योग आयुर्वेद में रिसर्च के लिए बाबाजी और आचार्य जी ने बहुत बड़े अनुसंधान संस्थान की स्थापना की है. योग और आयुर्वेद पूरे विश्व को दिशा दे सकता है. हिंदुस्तान में रहकर ये बात शायद न समझे, लेकिन जर्मनी में जाएंगे तो समझेंगे. रिसर्च बहुत आवश्यक होती है. बाबाजी को हम योग और आयुर्वेद के ब्रांड एम्बैसडर के रूप में देखते हैं. चमत्कार के बिना कोई नमस्कार नहीं करता, लोगों को अनुभव हुआ तो उन्होंने स्वीकार किया.अभी तक विश्वास के आधार आयुर्वेद में दवा देते थे. लेकिन अब रिसर्च और एविडेंस के ज़रिए इसकी प्रमाणिकता बढ़ती है.
इस अनुसंधान और वैज्ञानिक रूप सर काम करने के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बधाई. दोबारा रिसर्च के साथ सामने आने पर लोगों का भरोसा इस पर बढ़ेगा.