राजनीति के लिए AAP को क्‍यों चुना? अब शिक्षक पेशे का क्या? अवध ओझा ने NDTV पर किया खुलासा

आम आदमी पार्टी में हाल ही में शामिल अवध ओझा (Avadh Ojha) ने एनडीटीवी से बात की. इस दौरान उन्‍होंने अपने आगामी प्‍लान बताए और साथ ही चुनाव लड़ने को लेकर भी सवाल का जवाब दिया.

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नई दिल्‍ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) से पहले यूपीएससी कोच और सोशल मीडिया स्टार अवध ओझा (Avadh Ojha) ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. एनडीटीवी के साथ बातचीत में ओझा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने शिक्षा की इतनी बड़ी अलख जगा दी है, जिससे विदेशियों को भी तारीफ करनी पड़ रही है. साथ ही उन्‍होंने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि पार्टी कहेगी तो वो जरूर चुनाव लड़ेंगे. 

अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने का कारण बताते हुए कहा, "जिस पार्टी ने शिक्षा की इतनी बड़ी अलख जगा दी है. दिल्‍ली को एज्‍युकेशनल लेबोरेट्री बना दिया है कि विदेशियों को भी इसकी तारीफ करनी पड़ी. इतना ससम्‍मान और प्रेम का निमंत्रण दिया और वो भी इस आधार पर दिया कि हम चाहते हैं कि हमारी शिक्षा की विकासधारा में आप हमारे सहयोगी बनें तो फिर इधर आना ही था."

भाजपा में नहीं जाने पर क्‍या बोले?

अवध ओझा से राजनीतिक विश्‍लेषक आशुतोष ने भाजपा में नहीं जाने को लेकर सवाल पूछा और कहा कि आप ऐसी पार्टी में क्‍यों शामिल हुए जहां वरिष्‍ठ नेताओं को जेल जाना पड़ा है. इस पर ओझा ने कहा, "जेल में तो नेल्‍सन मंडेला भी रहे, महात्‍मा गांधी भी रहे हैं. बड़े-बड़े नेता जेल में रहे हैं. इतिहास नेताओं के जेल जाने के उदाहरणों से भरा पड़ा है. जब तक न्‍यायालय यह निश्चित नहीं करता है कि व्‍यक्ति सही है या गलत है, तब तक हम उसे कुछ नहीं मान सकते हैं."

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उन्‍होंने कहा, "आज की दुनिया में कोई भी किसी पर भी आरोप लगा सकता है, लेकिन सवाल ये है कि क्‍या न्‍यायालय उस आरोप को मानता है, क्‍या न्‍यायालय ने उसके पक्ष में निर्णय दिया है. जब तक कोई व्‍यक्ति कानूनी तौर पर घोषित नहीं किया जाता है कि उसने अपराध किया है, तो आप उसे अपराधी नहीं मान सकते हैं."

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शिक्षक से नेता बनने के सवाल पर 

शिक्षक से नेता बनने के सवाल पर उन्‍होंने कहा, "डॉ. राममनोहर लोहिया और सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन का कहना है कि देश में जो अच्‍छे ब्रेन हैं, उन्‍हें या तो शिक्षक बनना चाहिए या राजनीति की तरफ जाना चाहिए. सबसे बड़ा उदाहरण डॉ. बीआर अंबेडकर हैं, उनके पास कितने सारे ऑप्‍शन थे... पर उन्‍हें लगा कि मेरे देश के लोगों को मेरी ज्‍यादा जरूरत है. इसलिए वो भारत आए और भारत की राजनीति में उन्‍होंने हिस्‍सा लिया." 

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अवध ओझा ने इस दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले बच्‍चों को मैं सुबह चार बजे से सुबह छह बजे तक पढ़ाऊंगा. 

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वहीं चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्‍होंने कहा, "हां,  कैप्‍टन अगर कहेगा कि बॉलिंग करनी है तो बॉलिंग करेंगे. वो कहेंगे कि आपको विकेटकीपिंग करनी है तो विकेटकीपिंग करेंगे. पार्टी और स्‍कूल में अनुशासन बहुत महत्‍वपूर्ण है." 

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