BJP ही नहीं, NDA के सहयोगी नेता भी दिखे भूतपूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर

यह पहला अवसर था, जब BJP ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' पर आयोजित कार्यक्रम के लिए NDA सहयोगियों को आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया था.

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यह पहला अवसर था, जब BJP ने किसी कार्यक्रम के लिए NDA सहयोगियों को आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया था...
नई दिल्ली:

भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए उनकी समाधि 'सदैव अटल' पर बुधवार को पहुंचे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ केंद्र में सत्तासीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी दलों के नेता भी नज़र आए.

अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि पर आयोजित स्मृति सभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, गृहमंत्री अमित शाह तथा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बुधवार सुबह 'सदैव अटल' पर पहुंचे तथा श्रद्धांजलि अर्पित की. इनके अलावा, BJP के कई शीर्ष नेता तथा मंत्री भी भूतपूर्व प्रधानमंत्री की समाधि पर मौजूद थे.

'सदैव अटल' पर पहुंचने वाले NDA सहयोगियों में प्रफुल्ल पटेल शामिल थे, जो अजित पवार के नेतृत्व में हुए विद्रोह के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार से अलग हो गए थे.

उनके अतिरिक्त ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) नेता एम. थम्बीदुरई, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतनराम मांझी, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के प्रमुख सुदेश महतो, नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) की सांसद अगाथा संगमा तथा तमिल मानिला कांग्रेस के प्रमुख जी.के. वासन भी मौजूद थे. 

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "अटल जी ने करोड़ों दिलों पर राज करते थे... कई पीढ़ियों ने उनसे प्रेरणा हासिल की है..." उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व काल के दौरान BJP-नीत NDA में सहयोगियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है... हम उनके साथ काम कर रहे हैं... हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और PM नरेंद्र मोदी को जिताएंगे... 2024 में उन्हें जब तीसरी बार मौका मिलेगा, तो हम समूचे देश में विकास की लहर लाएंगे..."

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि वह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में NDA की जीत को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा, "विपक्ष हताश और निराश है... वे जानते हैं कि 2024 में भी देश की जनता उन पर भरोसा नहीं करेगी और उनके लिए सत्ता में वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है... इसलिए हताश विपक्ष जो मन में आए बोल रहा है, लेकिन देश की जनता को PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, और 2024 में NDA हैटट्रिक लगाएगा...''

यह पहला अवसर था, जब BJP ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' पर आयोजित कार्यक्रम के लिए NDA सहयोगियों को आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया था. यह अगले साल होने जा रहे आम चुनाव को देखते हुए अहम है, जहां BJP को एकजुट विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. से मुकाबला करना होगा.

भारी संख्याबल वाली सत्ताधारी पार्टी के ख़िलाफ़ जब से विपक्षी दल एकजुट हुए हैं, BJP भी NDA में अपने सहयोगियों का प्रदर्शन कर रही है. पिछले महीने, जब I.N.D.I.A. के सहयोगी दल बेंगलुरू में मिले थे, तो BJP ने भी शक्ति प्रदर्शन के लिए दिल्ली में 38 दलों की मेगा बैठक आयोजित की थी.

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बैठक का मज़ाक उड़ाते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि उन्होंने NDA की बैठक में शिरकत करने वाले वाले बहुत-से दलों के बारे में कभी सुना तक नहीं था. इस टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "NDA में कोई भी पार्टी छोटी या बड़ी नहीं है..."

NDA की एकजुटता दिखाने के BJP के प्रयासों का मकसद विपक्ष के इस तर्क का मुकाबला करना भी है कि BJP अपने सहयोगियों का सम्मान नहीं करती, और लम्बे समय तक साझीदारी बनाए नहीं रख सकती. विपक्ष अपने तर्क के समर्थन में बार-बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल यूनाइटेड (JDU) और बादल परिवार के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (SAD) जैसे लम्बे समय तक सहयोगी रहे दलों के साथ BJP के मतभेदों का हवाला देता रहा है.

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उधर, BJP भी अपनी ओर से I.N.D.I.A. गठबंधन के भीतर आपसी विरोधी समीकरणों पर कटाक्ष कर रही है, और कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वह सत्ता हथियाने के एकमात्र उद्देश्य से कट्टर प्रतिद्वंद्वियों से हाथ मिला रही है.

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