पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute In Pune) में निर्माणाधीन इमारत में गुरुवार को लगी आग (Fire) पर काबू पा लिया गया है. आग लगने से पांच लोगों की मौत हुई है. हालांकि आग लगने से सीरम इंस्टीट्यूम में बनने वाली कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण प्रभावित नहीं होगा. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश फॉर्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के सहयोग से विकसित इस वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट में किया जा रहा है.
कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगेगा टीका : सूत्र
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है, इसका परिसर करीब 100 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. जिस मंजरी कॉम्पलेक्स में आग लगी थी, वह वैक्सीन फैकल्टी के स्थान से कुछ मिनट की ही दूरी पर है. सूत्रों के अनुसार, इसे स्पेशल इकोनॉमिक जोन का हिस्सा माना जा रहा है.भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए मंजरी कॉम्पलेक्स में आठ-नौ भवनों का निर्माण किया जा रहा है, इसका उद्देश्य SII की वैक्सीन निर्माण क्षमता को बढ़ाना है. सामने आए विजुअल्स में इमारत से धुआं उठता हुआ देखा गया था.
कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने पहली बार किया ये दावा...
यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग कैसे लगी. बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण कार्य को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में सीरम इंस्टीट्यूट का दौरा किया था और वैक्सीन निर्माण की प्रगति का जायजा लिया था.
पड़ोसी धर्म निभाएगा भारत : इन 6 देशों को COVID-19 वैक्सीन की जाएगी सप्लाई
देश में 16 जनवरी से कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है. दुनिया में यह सबसे बड़ा कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान है.देश में दो वैक्सीन- भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी गई है, जिसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स को लगाया जा रहा है.
क्या कोरोना वायरस वैक्सीन के साइड इफेक्ट से डरे हुए हैं लोग