बिलकिस बानो मामले में दोषियों की सजा में छूट के खिलाफ याचिका पर जल्द सुनवाई का आश्वासन

गुजरात सरकार ने 11 अपराधियों की उम्रकैद की सजा में छूट देते हुए उन्हें 'समय से पहले' रिहा करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार के इसी फैसले को बिलकिस बानो ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

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नई दिल्ली:

बिल्कीस बानो मामले में दोषियों की सजा में छूट के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द ही सुनवाई कर सकता है. कोर्ट ने मंगलवार को बिलकिस बानो को मंगलवार को आश्वासन दिया कि नई पीठ के गठन के बाद उनकी याचिका पर सुनवाई की जाएगी. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. परदीवाला की पीठ ने बिलकिस बानो का प्रतिनिधित्व कर रही वकील शोभा गुप्ता को आश्वासन दिया कि नई पीठ का गठन जल्द से जल्द किया जाएगा. और उसके बाद उनकी इस याचिका पर सुनवाई होगी.

गुप्ता ने तुरंत सुनवाई के लिए मामले का विशेष उल्लेख किया और कहा कि CJI द्वारा एक नई पीठ गठित करने की आवश्यकता है, क्योंकि न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.

इस याचिका पर सुनवाई को लेकर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं जल्द से जल्द पीठ गठित करूंगा. मामले को जल्द ही सूचीबद्ध किया जाएगा. इससे पहले गुजरात सरकार द्वारा सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली बानो की याचिका पर 24 जनवरी को शीर्ष अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी थी, क्योंकि संबंधित न्यायाधीश निष्क्रिय इच्छामृत्यु से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही पांच-सदस्यीय संविधान पीठ में शामिल थे.

बता दें कि गुजरात सरकार ने 11 अपराधियों की उम्रकैद की सजा में छूट देते हुए उन्हें 'समय से पहले' रिहा करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार के इसी फैसले को बिलकिस बानो ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने 11 दोषियों को बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के अपराध के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस सजा को बाद में बॉम्बे उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा था.

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