देश में कोरोना के मामलों की संख्या कम होने के साथ ही निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में रोड शो और रैली के मामले में रियायत दी है. अब जिला प्रशासन की इजाजत से पूरी क्षमता के साथ रैली और रोड शो आयोजित किए जा सकेंगे. आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को बैठक और रैलियां आयोजित करने की भी अनुमति दी है. पहले किसी स्थान की 50 फीसदी क्षमता के साथ आयोजनों की छूट दी गयी थी.
मणिपुर विधानसभा के लिए दो चरणों में होने वाले और उत्तर प्रदेश में पांचवें, छठे और सातवें चरण के लिए प्रचार जारी है.
एक बयान में कहा गया है, ‘‘आयोग ने एसडीएमए नियमों के अधीन और जिला अधिकारियों की पूर्व अनुमति के साथ रोड शो की भी अनुमति दी है.''
कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा (आठ जनवरी) के दिन प्रत्यक्ष रैली, रोड-शो और पदयात्राओं पर रोक लगा दी थी. आयोग समय-समय पर महामारी की स्थिति की समीक्षा करता रहा है और इसने कुछ-कुछ राहतें भी दी हैं.
आयोग के बयान में कहा गया, ‘‘आयोग ने राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों को सभाएं और रैली आयोजित करने की छूट दे दी है, बशर्ते एसडीएमए के नियमों का पालन हो. आयोजन स्थलों की केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्यक्रम आयोजित करने के प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है.''
इसने कहा कि वह कोविड की स्थिति की समय-समय पर समीक्षा करता रहा है और मंगलवार को भी इसने चुनावी राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की.
गौरतलब है कि इससे पहले चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान राजनीतिक पार्टियों को पदयात्रा निकालने की छूट दे दी थी. चुनाव आयोग ने 12 फरवरी को कोरोना काल के बीच निर्वाचन संबंधी तैयारियों और नियम-कायदों की समीक्षा के दौरान ये फैसला लिया था. चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा था कि अब रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही चुनाव प्रचार प्रतिबंधित रहेगा. यह पहले रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक था. राजनीतिक दलों और उम्मीदवार अब सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक प्रचार कर सकेंगे. हालांकि इस दौरान उन्होंने कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल और अन्य शर्तों का पूरी तरह पालन करना होगा.