असम में विवादित गाने को लेकर गायक अरेस्ट, CM सरमा बोले- बिहू गीतों को मिया बिहू में नहीं बदलने देंगे...

असम में बिहू गीतों के गौरव से छेड़छाड़ को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. बिहू गीतों से छेड़छाड़ को लेकर असम के सीएम ने साफ-साफ कहा है कि ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Advertisement
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

असम पुलिस ने पारंपरिक बिहू गीतों के बोल बदलकर विवादित गाने बनाने के आरोप में जाने माने यू-ट्यूबर और गायक अल्ताफ हुसैन को अरेस्ट कर लिया है. उन पर अपने गानों के जरिए दो समुदायों के बीच शत्रुता भड़काने का आरोप है. इस विवादास्पद गाने के बोल एथुन बाबू और मौसमी चौधरी के  बांग्लादेश विरोधी गीत "देश ता तोमार बापर नाकी" से मिलते जुलते हैं. इसका मतलब है, "ये देश तुम्हारे बाप का नहीं है." इस गाने की आलोचना के बावजूद असम के धुबरी जिले के निवासी अल्ताफ हुसैन के इस गाने को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हजारों बार देखा गया है. यूट्यूबर की गिरफ़्तारी पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

असम के सीएम बोले- मिया बिहू को लोकप्रिय बनाने की हो रही कोशिश

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ‘मिया बिहू' को लोकप्रिय बनाने की कोशिश के आरोप में एक गायक को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि कोई भी असमिया व्यक्ति अपने पारंपरिक बिहू गीतों को ‘बहुत अलग' बनाने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगा. हेमंत बिस्वा शर्मा ने शनिवार देर रात फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कुछ लोग ‘मिया बिहू' को लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे ही एक गायक अल्ताफ हुसैन को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया है.''

बिहू गीत हमारा गौरव, मिया बिहू में नहीं बदलने देंगे- सीएम

रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा साझा की गई 2.27 मिनट की वीडियो क्लिप में शर्मा ने जोर देकर कहा कि जब तक असमिया समाज कायम रहेगा, वह सम्मान के साथ ऐसा करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी सामाजिक व्यवस्था पर कोई भी हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे और हम पर हमले की ऐसी कोशिशें भी नहीं होनी चाहिए.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी असमिया व्यक्ति संस्कृति, विरासत, भोजन, गीत, नृत्य रूपों को ‘बहुत अलग तरीके' से प्रस्तुत करने के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे गौरव बिहू गीतों को ‘मिया बिहू' में बदल दिया जाए, तो कौन सा असमिया इसे स्वीकार करेगा?'' ‘मिया' मूल रूप से असम में बांग्ला भाषी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक आपत्तिजनक शब्द है और गैर-बांग्ला भाषी लोग आम तौर पर उन्हें बांग्लादेशी प्रवासी मानते हैं. (इनपुट्स भाषा से भी)
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir में पहले चरण में 24 सीटों के लिए हुई Voting, बड़ी तादात में वोट डालने पहुंचे लोग