असम-मिजोरम सीमा पर सप्ताह के शुरुआत में हुई हिंसा के बाद दोनों राज्यों के बीच स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है. आज असम के लोगों को राज्य सरकार ने सलाह दी है कि वे मिजोरम की यात्रा न करें. सरकार ने कहा है कि असम की जनता की सुरक्षा के लिए कोई खतरा मोल नहीं किया जा सकता. इस सप्ताह के शुरुआत में दोनों राज्यों के विवादित सीमा क्षेत्र पर हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में छह पुलिसकर्मियों और एक आम नागरिक ने अपनी जान गंवाई थी.
इस बीच मिजोरम ने कहा है कि उसके पास सबूत हैं कि असम पुलिस ने हिंसा शुरू की और सवाल किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सीमा मुद्दों पर सफल बैठक के दो दिन बाद ऐसा कैसे हो सकता है. दो राज्यों की पुलिस के बीच सोमवार को हुई हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई थी. इसके अलावा 45 लोग घायल हो गए थे.
असम सरकार द्वारा जारी एडवाइज़री में कहा गया है, "इस घटना के बाद भी, कुछ मिज़ो नागरिक समाज, छात्र और युवा संगठन लगातार असम राज्य और उसके लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयान जारी कर रहे हैं. असम पुलिस के पास उपलब्ध वीडियो फुटेज से यह पता चला है कि कई नागरिक भारी हथियारों से लैस हैं."
इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने कहा कि असम के लोगों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है और जो लोग काम से संबंधित मजबूरियों के चलते मिजोरम में रह रहे हैं, उन्हें "अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए".
मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "हमारे पास सबूत है कि असम ने पहले गोली चलाई. शिलांग में गृह मंत्री (अमित शाह) के साथ सफल बैठक के बाद, सीमा या उस दिन मेघालय में असम ने हमारे साथ क्या किया, इसका क्या औचित्य है. ”
उन्होंने कहा, "हिमंत (असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा) मित्र हैं और मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे इस पर बात की है. मुझे लगता है कि कुछ तत्व हैं जिन्होंने असम सरकार को गुमराह करने की कोशिश की."
कछार जिले के इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में सोमवार सुबह हिंसा शुरू हुई थी. बाद में दोनों राज्य ने स्थानीय पुलिस पर एक दूसरे पर घुसपैठ करने और बिना उकसावे के गोलियां चलाने का आरोप लगाया था. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार सीमा पर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
मिजोरम ने आज जवाबी कार्रवाई करते हुए कहा कि वह किसी भी मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार है. मिजोरम के उपमुख्यमंत्री तवंलुइया ने कहा कि वे केवल अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम तैयार हैं और अदालत में मुकदमा लड़ने के लिए भी तैयार हैं. हमारे पास अपना पक्ष साबित करने के लिए वैध दस्तावेज हैं."
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा के बाद अशांत इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.