असम पुलिस की एक टीम मिजोरम के राज्यसभा सांसद के वनलालवेना से पूछताछ करने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हुई है. सांसद ने मिजोरम पुलिस पर सीमा के समीप उन्हें रोकने व उनपर अकारण हमला करने का आरोप लगाया था.
दो राज्यों की पुलिस फोर्स के बीच हुई हिंसा में असम पुलिस के छह लोग और एक नागरिक की मौत हुई थी. हिंसा के इस मामले ने देश को झकझोर कर रख दिया था. असम पुलिस ने मिजोरम के सांसद पर साजिश का आरोप लगाया है और हिंसा में उनकी भूमिका होने की बात कही है.
सांसद ने असम पुलिस को सार्वजनिक रूप से जान से मारने की धमकी दी थी. संसद भवन के बाहर खड़े होकर सांसद वनलालवेना ने संवाददाताओं से कहा: "200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने क्षेत्र में प्रवेश किया और उन्होंने हमारे पुलिसकर्मियों को हमारी अपनी चौकियों से पीछे धकेल दिया और फायरिंग के आदेश दे दिए. वे भाग्यशाली हैं कि हमने उन्हें नहीं मारा. यदि वे फिर आएंगे, तो हम उन सब को मार डालेंगे.
आज शाम असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी जीपी सिंह ने ट्वीट किया कि टीम, "राज्यसभा सांसद के वनलालवेना के मीडिया को दिए बयान और उनके घटना के पीछे की साजिश से संबंधित कार्रवाई की योजना बना रही है. इस साजिश में उनकी सक्रिय भूमिका का संकेत है."
जीपी सिंह ने कहा, इसमें शामिल लोगों की एक "पिक्चर गैलरी" तैयार की गई है - जिसमें मिजोरम पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग शामिल हैं, जिन्होंने गोलियां चलाईं.
राज्य सरकार ने एक बयान में हमलावरों की जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है. कछार जिले के इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में सोमवार सुबह शुरू हुई हिंसा में 45 लोग घायल हुए थे. हिंसा के बाद दोनों राज्यों ने एक दूसर पर आरोप लगाए थे. अशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा था.
अभी दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की थी. असम की बराक घाटी के लोगों ने मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 306 को बंद कर "आर्थिक नाकेबंदी" कर दी थी.
आज गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने असम और मिजोरम दोनों के वरिष्ठ अधिकारियों से दो घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की और अर्धसैनिक बलों की पोस्टिंग बढ़ाने का फैसला किया.