'लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए...' : प्रदूषण बोर्ड ने लगाया पटाखों पर बैन तो बोले असम CM

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अधिसूचना में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसलों का हवाला दिया गया है.

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नई दिल्ली:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने पटाखों की बिक्री और जलाने पर बैन सरकार के परामर्श के बिना लगाया था और अब 'लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए" इसकी समीक्षा की जा रही है. बता दें, असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रविवार को अधिसूचना जारी कर दीवाली, छठ और क्रिसमस के दौरान पटाखों की बिक्री और उनके जलाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था. जबकि ग्रीन पटाखों की मंजूरी दी गई थी. इसके लिए समय सीमा तय की गई थी कि दिवाली के दौरान रात 8 बजे से रात 10 बजे तक, छठ पर शाम 6 से 8 बजे तक और क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखे जलाए जा सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए इस मुद्दे को उठाया है. उन्होंने लिखा है, 'असम प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने कथित कथित तौर पर सरकार के साथ बिना किसी परामर्श के, पटाखों की बिक्री और अन्य प्रतिबंधों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है.'

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने इस पर संज्ञान लिया है. लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पूरे मामले की नए सिरे से समीक्षा की जा रही है.'

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राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अधिसूचना में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसलों का हवाला दिया गया है और बताया गया है कि पटाखे फोड़ने के दौरान निकलने वाले रसायनों का श्वसन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. इसमें कहा गया है कि इस तरह का प्रदूषण कोविद-19 रोगियों के लक्षणों को बढ़ा सकता है.

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पटाखों से होने वाला प्रदूषण पिछले कुछ वर्षों से सुर्खियों में आया है, जब से कई राज्य त्योहारों के मौसम में पटाखों की बिक्री और जलाने पर बैन लगा रहे हैं. 

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