असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही अपनी धार्मिक पहचान और अन्य जानकारी छुपाकर महिलाओं से शादी करने वाले पुरुषों से खतरे को रोकने के लिए एक कानून लाएगी और कहा कि यह 'हिंदुओं और मुसलमानों के लिए समान" होगा. उन्होने कहा कि हिंदू युवक भी अपनी जानकारी छुपाकर हिंदू युवती से शादी नहीं कर सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि वे 'लव जिहाद' टर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहते.
असम में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के घोषणा पत्र में वादा किया गया था कि 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लाया जाएगा. उसमें कहा गया था, 'हम असम में 'लव जिहाद' और 'लैंड जिहाद' के खतरे से निपटने और समाप्त करने के लिए उपयुक्त कानून और नीतियां तैयार करेंगे.'
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गुवाहाटी में सरमा ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हमने इसका जिक्र हमारे घोषणापत्र में किया था. हमारी केवल दो महीने पुरानी ही सरकार है. पहले हम गाय संरक्षण कानून लाएंगे, अगले महीने दो बच्चों का नियम और फिर यह कानून लेकर आएंगे.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'हम 'लव जिहाद' टर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहते, क्योंकि हमें लगता है कि एक हिंदू द्वारा एक हिंदू को भी धोखा नहीं दिया जाना चाहिए. ऐसा नहीं है कि जब कोई मुसलमान किसी हिंदू को धोखा देता है तभी 'लव जिहाद' है. बल्कि मेरे हिसाब से यह भी एक 'जिहाद' है, जब कोई हिंदू पुरुष किसी हिंदू महिला को धोखा देकर और गुमराह करके उससे शादी कर लेता है. इसलिए मैं ये जिहाद जैसे शब्दों को नहीं मानता. हम शादी करने के लिए धोखाधड़ी रोकने के लिए कानून लाना चाहते हैं.'
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मुख्यमंत्री ने कहा, "हम कानून लाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा कि यह केवल मुसलमानों के खिलाफ होगा. हिंदुओं और मुसलमानों के मामले में हमारा कानून समान होगा.'
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