असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पीड़ित परिवार से मांगी माफी, कहा- 'अगर डिब्रूगढ़ में ऐसा होगा तो..'

सरमा ने कहा कि इस घटना ने उन्हें बहुत आहत किया है और उन्होंने बगरिया के परिवार के साथ-साथ राज्य के लोगों से भी माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना तब हुई, जब मैं मुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर रहा हूं.

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हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि व्यवसायी की आत्महत्या जिला प्रशासन की नाकामी है.

डिब्रूगढ़ (असम):

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने रविवार को डिब्रूगढ़ में माफिया से धमकी मिलने के बाद आत्महत्या (suicide) करने वाले एक युवा व्यवसायी के परिवार से मुलाकात की और माफी मांगी. उन्होंने पीड़ित परिवार से कहा कि वह वास्तव में शर्मिंदा हैं कि माफिया ने पुलिस की मौजूदगी के बावजूद वहां आने की हिम्मत की. उन्होंने कहा, "मुझे इससे ज्यादा शर्म कभी नहीं आई."

असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन की नाकामी के कारण डिब्रूगढ़ में एक युवा व्यवसायी ने आत्महत्या कर ली. राज्य सरकार ने बार-बार पुलिस को जनता के मित्र के रूप में कार्य करने के लिए कहा है, लेकिन इसे अनसुना किया गया. उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

सरमा ने 32 वर्षीय कारोबारी विनीत बगरिया के घर का दौरा करने के बाद कहा, ‘‘यह सरासर डिब्रूगढ़ जिला प्रशासन की नाकामी है.'' बगरिया ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसके परिवार के स्वामित्व वाली एक दुकान के किराएदार सहित तीन लोग उसे धमका रहे थे और वह दबाव नहीं झेल पा रहा था.

बगरिया और उसके पिता ने धमकी के संबंध में डिब्रूगढ़ पुलिस थाना में लिखित शिकायत की थी, लेकिन उन्हें कथित तौर पर उचित जवाब नहीं मिला. वीडियो में नामजद लोगों में से दो को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

सरमा ने कहा कि इस घटना ने उन्हें बहुत आहत किया है और उन्होंने बगरिया के परिवार के साथ-साथ राज्य के लोगों से भी माफी मांगी है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी घटना तब हुई, जब मैं मुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर रहा हूं. इससे मुझे बहुत दुख हुआ है. मैं बगरिया के माता-पिता और राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं.''

सरमा ने कहा कि उनकी सरकार बार-बार पुलिस से निर्दोष लोगों के लिए खड़े होने और उनके दोस्त के रूप में काम करने की अपील करती रही है. सरमा के पास गृह विभाग भी है.

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उन्होंने कहा, ‘‘अगर डिब्रूगढ़ जैसी जगह पर पुलिसकर्मी हमारी अपील को नहीं समझ सकते हैं और उसके अनुसार कार्य नहीं कर सकते हैं, तो हम ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात लोगों से हमारी बात सुनने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं.''