- यूपी के विभिन्न जिलों में प्रशासन ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई जारी रखी है
- AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने SC की दिशानिर्देशों का पालन न करने वाली सरकारों से जवाब भी मांगा है
- बरेली में उपद्रवियों का समर्थन करने वालों के घर और दुकानें बुलडोजर कार्रवाई में निशाना बनीं
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रशासन का बुलडोजर एक्शन जारी है. ये एक्शन खासतौर पर उन लोगों के खिलाफ हो रहा है, जिन्होंने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की या फिर जिनकी संपत्ति अवैध है. प्रशासन के इस एक्शन को लेकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इसे लेकर एक पोस्ट किया है. हालांकि, इस पोस्ट में उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया है लेकिन इसके सहारे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस की याद जरूर दिला दी.
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने इस सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि उन राज्य सरकारें जवाब दें जो तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं और जुल्म करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करते हैं.
ज़ुल्म फिर ज़ुल्म होता है तो मिट जाता है
खून फिर खून है टपकेगा तो जम जाएगा
ज़ुल्म की क़िस्मत-ए-नकारा-ओ-रुसवा से कहो
ज़ुल्म की बात ही क्या ज़ुल्म की औकात ही क्या
ज़ुल्म बस ज़ुल्म है अहाज़ से अंजाम तलक
खून फिर खून है सौ शक्ल बदल सकता है
ऐसी शक्लेन की मिटाओ तो मिटाए न बने
आपको बता दें कि बरेली में हुए बवाल के बाद प्रशासन ने उन लोगों के खिलाफ एक्शन लेते हुए बुलडोजर कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई के दौरान उन लोगों के घरों और दुकानों को ही निशाना बनाया था जिन्होंने उपद्रवियों का साथ देने की कोशिश की थी. वहीं दूसरी तरफ संभल जिले में अवैध तरीके से बनाई गई एक मस्जिद और मैरिज हॉल को गिराने के लिए गुरुवार को बुलडोजर पहुंचे थे.
कई थानों की पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की सुरक्षा के बीच मैरिज हॉल को ध्वस्त किया गया, वहीं मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों के अनुरोध के बाद उन्हें 4 दिन की मोहलत दी गई. मस्जिद के मालिक ने चार दिन के भीतर अवैध ढांचे को खुद गिराने का वादा किया है.
आरोप है कि मस्जिद अवैध तरीके से तालाब के ऊपर बनाई गई है. 10 साल पहले मस्जिद का निर्माण किया गया था. संभल के राय बुजुर्ग गांव में इस मस्जिद का निर्माण किया गया है. राजस्व विभाग की टीम ने एक महीने पहले मस्जिद का दौरा किया था. इसके बाद प्रशासन ने मस्जिद गिराने को लेकर नोटिस दिया था. पुलिस प्रशासन ने भारी सुरक्षा बंदोबस्त के साथ वहां पहुंचा भी था.