दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की ज्यूडिशियल कस्टडी 3 जुलाई तक बढ़ा दी गई है. सीएम अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनावों के चलते 1 जून तक अंतरिम जमानत पर बाहर आए थे. इसके बाद उन्हें फिर से जेल जाना पड़ा था. इस वजह से सीएम केजरीवाल ने 2 जून को दिल्ली के तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था.
दरअसल, आबकारी नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही थी. इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक बार फिर सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया है.
राउज एवेन्यु कोर्ट में अरविंद केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था.
21 मार्च को हुई थी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी
अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में 21 मार्च को 2 घंटों तक पूछताछ किए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था. तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.
2021 में लागू हुई थी नई शराब नीति
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 के दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी. इसके तहत दिल्ली में 32 जोन बनाए गए थे. हर एक जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खोली जानी थी. इसे मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं. नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया था. इससे पहले राजधानी में 60 प्रतिशत शराब की दुकानें सरकारी थीं और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं. नई नीति आने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट कर दी गई थीं. सरकार ने इस नीति को लागू करते हुए तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा लेकिन बाद में यह नीति दिल्ली सरकार के लिए ही आफत बन गई.
2022 में सामने आया था मामला
शराब नीति घोटाले का खुलासा 2022 में 8 जुलाई को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की एक रिपोर्ट के जरिए हुआ था. इस रिपोर्ट में नरेश कुमार ने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को शराब नीति मामला दर्ज किया था. इसके बाद इसमें पैसों की हेराफेरी भी सामने आई और इस वजह से मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने मामला दर्ज किया था.