अरुणाचल प्रदेश में 15 वर्षीय एक किशोर ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. इस घटना से एक दिन पहले किशोर को स्कूल परिसर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के लिए स्कूल छोड़ने को कहा गया था. स्कूल परिसर में फोन का इस्तेमाल करना नियम के खिलाफ है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
इस घटना को 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए विद्यालय के प्रिंसिपल टी. एम. साथियान ने कहा कि मामला सुलझा लिया गया था और चिरांग को पढ़ायी जारी रखने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन छात्र ने यह कदम क्यों उठाया, यह पता नहीं.
पुलिस ने कहा कि चिरांग स्कूल के छात्रावास में रहता था और उसे संस्थान परिसर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया था, जो प्रतिबंधित है.पुलिस ने बताया कि इसके बाद स्कूल प्रशासन ने उसके पिता से अपने बच्चे को संस्थान से निकाल लेने को कहा. 23 जून को प्रबंधन के साथ एक बैठक में उसके पिता भी मौजूद थे, इस दौरान चिरांग ने स्कूल से अनुरोध किया कि उसे वहां पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जाए. आगे की चर्चा के बाद उसे स्कूल में पढ़ने की अनुमति दे दी गई.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने बताया कि उसकी जेब से एक सुसाइड नोट मिला है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि उस नोट में चिरांग ने स्कूल परिसर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगी है और उसे माफ कर देने का अनुरोध किया है.
प्रिंसिपल टी एम साथियान ने कहा, 'किशोर के पिता स्कूल आए और सब कुछ तय हो गया. उसने यह दुखद कदम क्यों उठाया, यह पता नहीं चल पाया है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.' उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन पुलिस को पूरा सहयोग दे रहा है.
हयूलियांग पुलिस थाने के प्रभारी पी गामी ने कहा कि सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद किशोर का शव परिवार को सौंप दिया गया है.